राफेल और ‘चौकीदार चोर है’ बयान पर राहुल गांधी ने जताया सुप्रीम कोर्ट में खेद 

Shruti Dixit  Monday 22nd of April 2019 05:42 PM
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राहुल गांधी 

नई दिल्ली राफेल मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में अपना स्पष्टीकरण दाखिल कर दिया। इस दौरान “चौकीदार चोर है” वाले अपने बयान पर राहुल गांधी ने खेद जताया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने माना है कि सुप्रीम कोर्ट ने नहीं कहा था कि चौकीदार चोर है। सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी ने हलफनामा दाखिल कर खेद प्रकट किया है। साथ ही अपने बयान पर सफाई देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान उत्तेजना में उनके मुंह से यह बयान निकल गया। 

राहुल गांधी ने माना है कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा नहीं कहा था कि ‘चौकीदार चोर है।’राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में अंडरटेकिंग दी है कि वो अपने भाषण या राजनीतिक बयानबाजी में कोर्ट के हवाले से कोई भी विचार, टिप्पणी या फाइंडिंग नहीं देंगे जब तक कि वो कोर्ट द्वारा रिकार्ड ना की गई हों। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की कल सुनवाई करेगा।

बता दें कि राहुल गांधी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना संबंधी याचिका पर कोर्ट ने राहुल गांधी को 15 अप्रैल को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दस अप्रैल को नामांकन के बाद मीडिया के समक्ष राफेल सौदे को लेकर कहा था कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है कि चौकीदार चोर है। राहुल का यह बयान जब मीडिया में आया तो भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की, जिस पर आज राहुल गांधी ने जवाब दिया है।

राहुल गाँधी की खेद प्रकाश करने पे लेखी ने आज ट्वीट किया वह आशा करती हैं की कोर्ट गाँधी को कड़ी फटकार लगाए।

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट इससे पहले राफेल मामले में केंद्र सरकार को क्लीन चिट दे चुकी थी। कोर्ट ने राफेल विमान की खरीद प्रक्रिया को सही माना था। केन्द्र सरकार को क्लीन चिट दिए जाने के बाद प्रशांत भूषण, अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा ने कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका डाली थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। 

सुप्रीम कोर्ट इससे पहले राफेल मामले में केंद्र सरकार को क्लीन चिट दे चुका था और राफेल विमान की खरीद प्रक्रिया को सही माना था। हालांकि, इसके बाद प्रशांत भूषण, अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा ने कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका डाली, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया साथ ही एक अखबार द्वारा छापे गए दस्तावेज़ों को सबूत मानने की हामी भरी थी। इसी के बाद राहुल गांधी ने कोर्ट की टिप्पणी को चुनावी सभा में तोड़कर पेश करते हुए यह बयान दिया था, जबकि कोर्ट की ओर से सीधे तौर पर ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की गई थी।


 
 

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