सुपरसाइक्लोन अमफान का पश्चिम बंगाल में कहर, कम से कम 12 लोग मरे; ओडिशा सीधे प्रहार से बचा
बुधवार दोपहर को अमफान के काले बदल कोलकाता के ऊपर मंडराते हुए। (फोटो: जयदीप गांगुली/ट्विटर)
नई दिल्ली: भीषण उष्णकटिबंधीय चक्रवाती तूफ़ान अमफान ने बुधवार को दोपहर लगभग 2.30 बजे पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप के तट से प्रवेश किया और राज्य के दक्षिणी जिलों, उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में जमकर तबाही मचाई। इससे बंगाल में कम से कम 12 लोग मारे गए हैं।
185 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं ने प्रभावित इलाकों में भारी विनाश किया। कोलकाता सहित उत्तरी ओडिशा और दक्षिणी बंगाल के प्रभावित हिस्सों में बिजली की आपूर्ति में व्यवधान देखा गया।
1999 के बाद से भारत में होने वाले पहले सुपर साइक्लोन अम्फन (जिसका उच्चारण अम-पन है), जो बंगाल की खाड़ी में एक कम-अवसाद क्षेत्र से शुरू हुआ था, ओडिशा में पहले वार करने के पथ पे था। लेकिन इसने 19 मई से 12 मई के बीच अपने अपेक्षित मार्ग से बहुत थोड़ा हट कर बंगाल की तट की और रुख किया। ओडिशा से अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।
चक्रवात अमफान का मार्ग। (PIB द्वारा रिलीज़ किया गया मानचित्र)
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि चक्रवात ने राज्य में लगभग 10 से 12 लोगों की जान ले ली और “अनकही तबाही” छोड़ गया। उन्होंने केंद्र से “मानवीय तरीके” से प्राकृतिक आपदा को देखने की अपील की, राजनीतिक रूप से नहीं।
पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लाखों लोगों को पहले ही असुरक्षित क्षेत्रों से निकाल लिया गया और सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया था। ओडिशा के अधिकारियों ने कहा कि “नुकसान बहुत बुरा नहीं है” क्योंकि चक्रवात ने बंगाल के तट से होकर घुसा किया। मंगलवार को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के प्रमुख एसएन प्रधान ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा में एनडीआरएफ की कुल 41 टीमों को सुपर साइक्लोन से निपटने के लिए तैनात किया गया था।
यद्यपि जीवन का नुकसान अभी तक कम दिख रहा है, अम्फान ने जो नुकसान किया है उसका सही आकलन आने वाले दिनों और हफ्तों में स्पष्ट होगा। अधिकारी मरने वालों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि ग्रामीण बंगाल और ओडिशा से रिपोर्ट अभी तक स्पष्ट नहीं हैं।
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