कोरोनावायरस: महामारी से लड़ने के लिए नरेंद्र मोदी ने किया 'जनता कर्फ्यू' की घोषणा, संकल्प और संयम का आग्रह 

Team Suno Neta Thursday 19th of March 2020 09:48 PM
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नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए कोरोनोवायरस, COVID-19, पर चिंतित भारतीयों को आश्वस्त करने की कोशिश करते हुए महामारी से निपटने के लिए गुरुवार को अपने साथी देशवासियों से सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टनसींग) बनाए रखने और घर के अंदर रहने का आग्रह किया। उन्होंने लोगों से एक दिन का “जनता कर्फ्यू” पालन करने के लिए कहा। उन्होंने कहा रविवार सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक कोई घर से नहीं निकलेगा। चीन के वुहान से उत्पन्न हुए यह वायरस सिवाय अंटार्कटिका के दुनिया के सभी महाद्वीपों में फैल गया है और अब तक लाखों लोगों को संक्रमित किया हैं जिससे हज़ारो के संख्या में लोगों ने अपना जीवन खोया।

राष्ट्र को दिए गए एक टेलीविज़न संबोधन में मोदी ने कहा कि इस समय दुनिया “किसी भी विश्व युद्ध से भी बदतर स्थिति” से गुजर रही है, हालांकि भारत अभी भी बीमारी के संचरण चरण के दुसरे स्टेज पर है । [इस चरण में केवल व्यक्ति से व्यक्ति के बीच संचरण शामिल है। तीसरे स्टेज में सामुदायिक संचरण होता है और संक्रमित आबादी के एक बड़े हिस्से का संक्रमण का स्रोत नहीं जाना जा सकता है और महामारी कहाँ से फैल रही है और किस दिशा में जा रही है, उसका पता नहीं लगाया जा सकता हैं. ऐसी स्थिति में इसको रोक पाना अत्यंत कठिन हो जाता है।]

मोदी ने “जनता कर्फ्यू” की घोषणा करते हुए कहा, “कोई भी अपने घरों से बाहर नहीं जाएगा। यह हमें आगामी दिनों के लिए भी तैयार करेगा।” उन्होंने कहा कि यह नागरिकों के "आत्म-नियंत्रण" के प्रतीक के रूप में देखा जाएगा और यह अनुभव “भविष्य की चुनौतियों के लिए देश को तैयार करेगा”।

प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों और अन्य संगठनों से भी यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि लोगों को “जनता कर्फ्यू” के बारे में जागरूक किया जाए।

मोदी ने यह भी कहा कि राज्य प्रशासन रविवार शाम 5 बजे एक सायरन बजाएगा तब देशवासियों उनके दरवाजे और खिड़कियों से बाहर आकर पांच मिनट तक ताली बजाकर या घंटी बजाकर इस स्वास्थ्य संकट के दौरान अग्रिम पंथियों में काम करने वाले लोगों के प्रति आभार व्यक्त करेगा। उन्होंने कहा, “पिछले दो महीनों से हवाई अड्डों, अस्पतालों, सफाई कर्मचारियों, मीडिया और परिवहन क्षेत्र के लाखों लोग खुद को दूसरों के लिए जोखिम में डाल रहे हैं। ... भारत उनके प्रति आभारी है ... नागरिकों को रविवार को इन लोगों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए।"

मोदी ने लोगों से इस संकट के दौरान अस्पतालों पर दबाव न डालने की भी अपील की। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा, “मैं नागरिकों से नियमित जांच के लिए अस्पतालों में नहीं जाने की अपील करता हूं जब तक कि यह जरूरी न हो। इसके बजाय अपने परिवार के डॉक्टरों से फोन पर सलाह लें।”

प्रधानमंत्री ने कोरोनोवायरस महामारी के कारण देश में आर्थिक गिरावट से निपटने के लिए एक आर्थिक प्रतिक्रिया कार्यबल (टास्कफोर्स) के गठन की भी घोषणा की। उन्होंने महामारी के प्रकोप के व्यापक आर्थिक प्रभाव की चेतावनी दी और देश को तैयार रहने की आवश्यकता पर जोर दिया।

मोदी ने कहा, “इस वैश्विक महामारी का भी अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ने वाला है। कोरोनावायरस से उत्पन्न होने वाली आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने वित्तमंत्री (निर्मला सीतारमण) के नेतृत्व में एक COVID-19 इकनोमिक रेस्पॉन्स टास्कफोर्स  (आर्थिक प्रतिक्रिया कार्यबल) स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह टास्कफोर्स निकट भविष्य में सभी हितधारकों से नियमित बातचीत और प्रतिक्रिया और सभी स्थितियों के विश्लेषण के आधार पर निर्णय लेगा। यह यह भी सुनिश्चित करेगा कि आर्थिक कठिनाइयों को कम करने के लिए उठाए गए सभी कदम प्रभावी रूप से लागू किए जाएं।”

प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि देश में पर्याप्त खाद्यान्न और अन्य आवश्यक आपूर्ति हैं। उन्होंने कहा, “दूध, खाद्य पदार्थ, दवाएं, आवश्यक चीजें ... हमने किसी भी कमी से बचने के लिए सभी कदम उठाए हैं। इन आपूर्ति को कभी नहीं रोका जाएगा, इसलिए कृपया उन्हें जमाखोरी न करें।”

PM नरेंद्र मोदी का कोरोनोवायरस और जनता कर्फ्यू पर पूरा भाषण:


 
 

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