केंद्र द्वारा रोकी गयी रिपोर्ट के अनुसार भारत में बेरोजगारी दर पिछले 45 सालों में सबसे ज्यादा  

Team Suno Neta Thursday 31st of January 2019 02:40 PM
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नई दिल्ली: बिज़नेस स्टैण्डर्ड की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) के रिपोर्ट में 2017-18 के दौरान देश में  बेरोजगारी की दर पिछले 45 सालों में 6.1 प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी।

सोमवार को दो राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (NSC) के सदस्यों के  इस्तीफे के बाद यह रिपोर्ट केंद्र सरकार के साथ विवाद में है। इस्तीफा देने वाले सदस्यों में एक NSC के कार्यवाहक अध्यक्ष भी शामिल हैं। इन्होने आरोप लगाया कि सरकार ने NSC की मंजूरी के बावजूद रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया। रिपोर्ट के अनुसार, जिसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है, बेरोजगारी की दर 1972-73 के बाद से 2017-18 में अपने उच्चतम स्तर पर थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नवंबर 2016 में 500 और 1,000 रुपये के पुराने करेंसी नोटों के नोटबंदी की घोषणा के बाद किसी सरकारी एजेंसी द्वारा रोजगार पर यह पहला सर्वेक्षण है। आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय का यह पहला वार्षिक घरेलू सर्वेक्षण था। इसमें जुलाई 2017 और जून 2018 के बीच एकत्र किया गया डेटा था।

बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा समीक्षा किए गए दस्तावेजों से पता चला है कि बेरोजगारी दर 1972-73 (जब से रोजगार के आंकड़े जारी होने शुरू हुए) की अवधि के बाद से सबसे अधिक थी।रिपोर्ट से पता चला है कि युवाओं की बेरोजगारी दर पिछले वर्षों की जनसंख्या की तुलना में उच्च स्तर पर थी।

15 से 29 वर्ष के युवाओ के बीच के ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुषों में बेरोजगारी की दर 2011-12 में 5 प्रतिशत की तुलना में 2017-18 में 17.4 प्रतिशत हो गई। सर्वेक्षण के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की बेरोजगारी दर 2011-12 में 4.8 प्रतिशत की तुलना में 2017-18 में 13.6 प्रतिशत हो गयी। शहरी क्षेत्रों में युवाओं में बेरोजगारी ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक थी। पुरुषों के लिए यह 18.7 प्रतिशत और 2017-18 में महिलाओं के लिए 27.2 प्रतिशत हो गयी थी।


 

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