RSS के लिए 2019 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राम मंदिर नहीं, आतंकवाद होगा मुद्दा
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बजाय आगामी लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कश्मीर में आतंकवाद से निपटने के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है। 14 जनवरी को हुए CRPF काफिले पर हुए आत्मघाती हमलें में 40 से अधिक जवानो की जान चली गयी थी। इस घटना ने RSS को अपनी रणनीति बदलने के लिए RSS को मज़बूर किया।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रणनीति बदलने के निर्णय की पुष्टि संघ के विदर्भ प्रांत (क्षेत्र) की बैठक के दौरान की गई। इस बैठक में संघ परिवार के सभी 36 घटक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। RSS के सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि संगठन अब एक स्थिर सरकार बनाने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करेगा जो भारत को कश्मीर में बिगड़ती स्थिति से निपटने की आवश्यकता की की पूर्ति करेगी।
संघ परिवार के कार्यकर्ता और भारतीय जनता पार्टी के समर्थक दोनों मिलकर योजना बना रहे हैं। RSS ने आश्वस्त होते हुए कहा है कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में स्थापित करने के लिए और कश्मीर में आतंकवाद से निपटने के लिए फिर से स्थिर सरकार बनाने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सूत्रों ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे बार-बार भाजपा से मिलेंगे, जब तक कि उन्हें विश्वास नहीं हो जाता कि मोदी के फिर से चुने जाने से देश को क्या फायदा होगा।
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