2019 लोकसभा चुनाव पर नज़र, तृणमूल और भाजपा नेता बंगाल में मना रहे हैं गणेश पूजा 

Team Suno Neta Saturday 15th of September 2018 10:02 AM
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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में 2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भाजपा जनता को लुभाने के लिए किसी भी अवसर को छोड़ना नहीं चाहते। इस साल, दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं ने कोलकाता और राज्य के कई ज़िलों में गणेश पूजा के लिए पंडाल लगाने में सक्रिय रूप से भाग लिया है। उनके कई स्थानीय नेताओं को पांडलों का उद्घाटन करते और साथ ही साथ गणेश पूजा के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेते देखा गया हैं।

गुरुवार को गणेश त्योहार शुरू होने के बाद बहुत सारे पांडलों का उद्घाटन बीजेपी और TMC के स्थानीय नेताओं ने किया।

गणेश पूजा का जश्न मनाने वाले बंगाल भाजपा कार्यकर्ताओं का कारण समझ में आता है क्योंकि पार्टी राज्य में अपने हिंदू वोट बैंक को विस्तारित करना चाहती है। इतने उत्साह के साथ TMC कार्यकर्ताओं का जश्न मनाने का कारण इस धारणा को दूर करना है कि उनकी पार्टी मुसलमानों की तुष्टिकरण करने वाली पार्टी नहीं है। इसके कारण, गणेश पूजा पांडल पूरे राज्य में लगाए गए हैं जिससे राजनीतिक नेताओं को अगले साल के आम चुनाव से पहले लोगों को लुभाने का मौका मिल सके।

कोलकाता नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार इस वर्ष शहर में 1,570 समुदाय गणेश पुजाएं हो रही हैं। पिछले साल यह संख्या 1,320 थी।

बंगाल के उपभोक्ता मामलों के मंत्री सदन पांडे ने इस वर्ष अपने घर में गणेश पूजा का आयोजन किया है। हालांकि उन्होंने कहा कि इसकी वजह राजनैतिक कारण नहीं बल्कि "विकास" हैं। उन्होंने कहा, "राज्य 2011 से अच्छा विकास कर रहा है। हम विकास में तेजी लाने के लिए गणेश पूजा कर रहे हैं। यह राजनीतिक कारणों से नहीं किया जा रहा है।"

रिपोर्टों के अनुसार, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गणेश चतुर्थी के दौरान पूजा करने के लिए महाराष्ट्र भवन गई थी।

TMC के गणेश पूजा में इतने जोश को देखते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि गणेश पूजा का जश्न मनाने के लिए TMC को कुछ नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि TMC की स्थिति "धोबी का कुत्ता जैसा हैं जो न घर का न घाट का हैं"। 

उन्होंने आगे कहा: "मुस्लिम प्रेमी के रूप में नाटक करके और अल्लाह के नाम को लेकर ममता बनर्जी ने मुसलमानों और हिंदुओं की भावनाओं को समान रूप से आघात पहुंचाया हैं। लोग अब जान गए हैं कि ज़रुरत पढ़ने पे वह अल्लाह और हिन्दू देवी-देवताओं के नामों के बीच अदला-बदली करती हैं।"


 

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