चुनाव से पहले बैंकों में संदिग्ध लेन-देन आयकर विभाग की नज़र में  

Shruti Dixit  Thursday 4th of April 2019 02:55 PM
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चुनावी माहौल में कहीं कैश फॉर वोट तो नहीं?

नई दिल्ली इनकम टैक्स के क्षेत्रीय कार्यालय ने बुधवार को बताया कि चुनावी माहौल के चलते बैंकों में रुपयों का फ्लो ज्यादा बढ़ गया है। यह संदिग्ध लेन-देन आयकर विभाग की नज़र में आ गया है और उन्हें शक है कि यह कैश फॉर वोट स्कैंडल को हवा दे सकता है।

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल पहले ही भारी मात्रा में मिले कैश से बीजेपी पर हमलावर है। दरअसल आरोप है कि अरुणाचल प्रदेश में बुधवार को हुई पीएम नरेंद्र मोदी की रैली से कुछ घंटे पहले सूबे के सीएम पेमा खांडू के काफिले पर निर्वाचन आयोग की टीम ने रेड मारते हुए 1.8 करोड़ रुपए की नगदी बरामद की है। काफिले में राज्य के डिप्टी सीएम चौना मेन और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष तापिर गाओ भी मुख्यमंत्री के साथ थे। कांग्रेस का आरोप है कि लोकसभा चुनाव के दौरान सीएम के काफिले से पकड़ी गई रकम आचार संहिता का उल्लघंन और भ्रष्टाचार को दर्शाया है।

कांग्रेस पार्टी ने सीएम खांडू और गाओ का इस्तीफे की मांग करते हुए कहा है कि इस सनसनीखेज नोट के बदले वोट घोटाले ने बीजेपी को उजागर कर दिया है। कांग्रेस ने सवाल करते हुए कहा कि क्या यह पैसा पीएम नरेंद्र मोदी की पासीघाट में हुई रैली में पहुंचाया जाने वाला था। क्या इससे साफ नहीं होता कि चौकीदार ही चोर बन गया है? आरोपों का जवाब देते हुए अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने खारिज किया है। उन्होंने कहा कि ये बिल्कुल गलत है। कैश फॉर वोट की परिपाटी का चलन कांग्रेस में है। चुनाव आयोग की जांच में सब साफ हो जाएगा। हमें सूचना मिली है कि ये पैसा भाजपा उम्मीदवार की गाड़ी से मिले हैं।

वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कैश फॉर वोट स्कैंडल, भारतीय जनता पार्टी का असली चेहरा उजागर कर रहा है। इससे बड़ा कैश फॉर वोट घोटाला क्या हो सकता है कि मंगलवार रात साढ़े 10 बजे सूचना आई और 12 बजे अरुणाचल प्रदेश पेमा खांडू के काफिले की चेकिंग होती है, तो उसमें 1.80 करोड़ रुपए पकड़े गए हैं। बुधवार की सुबह पीएम मोदी की रैली आयोजित है और उसके ठीक पहले मंगलवार की रात इतना कैश पकड़ा जाना सवाल खड़ा करता है कि क्या ये नोट पीएम की रैली में लोगों को लाने के लिए दिए जाने वाले थे क्या?


 
 

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