कर्नाटक में अपनी गठबंधन सरकार को बचाने के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस 

Amit Raj  Wednesday 29th of May 2019 11:43 AM
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कर्नाटक कांग्रेस के नेता सिद्दारमैया (बाएं) और मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी।

नई दिल्ली: कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) (JD(S)) की गठबंधन सरकार में आपसी कलह बढ़ता ही जा रहा है। इसी क्रम में मुख्यामंत्री एच डी कुमारस्वामी मंत्री पद के अनुरोध कर रहे मुनियप्पा और नागेश से मुलाकात की। नागेश के साथ जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार भी थे, जो सोमवार देर रात आस्ट्रेलिया दौरे से लौटे थे।

दरअसल कांग्रेस के कई नेताओं ने मंत्री पद की मांग करते हुए बगावत कर दी है। अब ऐसे में नेताओं की इस बगावत को रोकने के लिए वरिष्ठ नेताओं ने बागी नेताओं को मंत्री पद देने का फैसला किया है। हालांकि पार्टी नेताओं के इस फैसले ने परेशानी को और बढ़ा दिया है। इसकी वजह ये है कि पार्टी के प्रति वफादार नेता इससे नाराज हो गए हैं। उनका कहना है कि पार्टी का बागी नेताओं को मंत्री पद देने का फैसला बिल्कुल गलत है। वहीं इसके बाद पार्टी के कुछ वफादार नेताओं ने भी सरकार में मंत्री पद पर दावा पेश कर दिया है।

नागेश ने कहा, “डी के (शिवकुमार) ने भी कहा कि मेरे साथ अन्याय हुआ। वही मुझे सीएम के पास लेकर गए थे।” इधर डी के शिवकुमार ने कहा, “जैसा कि गांधी कहते थे न बुरा बोलो, न बुरा देखो और न बुरा सुनो, मैंने फैसला किया है कि इन सभी घटनाक्रम पर कुछ नहीं बोलूंगा।”

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस विधायक अजय सिंह का कहना है कि पार्टी को वफादार विधायकों को मंत्री पद देना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि बागी नेताओं को मंत्री पद दिया जा रहा है। अजय सिंह ने दावा किया कि भाजपा ने उनसे संपर्क कर उनके खेमे में आने का न्योता दिया था, लेकिन एक सच्चा कांग्रेसी होने के नाते उन्होंने पार्टी छोड़ने से इंकार कर दिया।

बता दें कि अजय सिंह, वी मुनियप्पा और एच नागेश, रमेश जारकीहोली, बीसी पाटिल, बी नागेन्द्र और भीमा नाइक मंत्री बनने की रेस में शामिल बताए जा रहे हैं। इनके अलावा दो कांग्रेस विधायकों एसटी सोमशेखर और बयार्ती बासवाराज ने सीएम एचडी कुमारस्वामी से मुलाकात की और मंत्री पद के लिए अपना दावा पेश किया है।

गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार में इस वक्त कैबिनेट में 3 पद खाली हैं, जिनमें से दो पद JD(S) को मिलेंगे और एक पद कांग्रेस के खाते में जाएगा। वहीं सरकार में जारी इस हंगामे को रोकने के लिए कई मंत्रियों ने मंत्री पद छोड़ने की भी पेशकश की है। इनमें कृष्णा बेरेगौड़ा, जयामाला, प्रियांक खड़गे और यूटी खादेर शामिल हैं।

225 विधानसभा सीटों वाली राज्य विधानसभा में बीजेपी के 105 सदस्य हैं और वह सबसे बड़ी पार्टी है। हालांकि सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 117 सदस्य हैं जिसमें कांग्रेस के 79, JD(S) के 37 और बहुजन समाज पार्टी के एक विधायक (एन महेश) शामिल हैं।

ऐसे में भाजपा इस कलह का फायदा उठाने की कोशिश में लगी है अगर वो इसमें सफल होती है तो ये कांग्रेस के लिए एक और बड़ा झटका होगा।


 
 

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