2019 लोकसभा चुनाव: ‘हिंदुत्व’ ने शिवसेना-भाजपा गठबंधन को रखा बरकरार
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सबसे पुरानी पार्टियों में से एक शिवसेना ने सोमवार को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा की। यह घोषणा मुंबई के वर्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस द्वारा संबोधित एक संयुक्त समाचार सम्मेलन के दौरान की गई। उद्धव ठाकरे के बेटे और युवा सेना प्रमुख आदित्य और अन्य शिवसेना और भाजपा सदस्य भी घोषणा के दौरान मौजूद थे।
यह घोषणा शिवसेना प्रमुख द्वारा हाल के दिनों में कई मुद्दों पर भाजपा पर निशाना साधने के बावजूद आयी है। भाजपा पर शिवसेना के हमले इतने गंभीर थे कि एक बार उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ “चौकीदार चोर हैं” नारे को भी दोहराया था। शिवसेना के वरिष्ठ नेता रामदास कदम ने एक और उल्लेखनीय हमला करते हुए कहा कि अमित शाह द्वारा शिवसेना को घेरने की धमकी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में भाजपा को “दफन” कर दिया जाएगा।
फडणवीस ने समाचार सम्मेलन के दौरान कहा, “दोनों पार्टियां 25 वर्षों से साथ हैं और भले ही हाल के दिनों में कुछ गलतफहमी हुई हो लेकिन दोनों पार्टियों की मूल विचारधारा एक ही है- हिंदुत्व। ऐसे समय में जब कुछ दल और व्यक्ति राष्ट्रीय हित के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रीय हितों वाले दलों को एक साथ आना चाहिए। यह जनता की भावना है और इसलिए हमने लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए साथ आने का फैसला किया है।”
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी दोनों पक्षों के बीच मिलन और समझ की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “हम दोनों का इतिहास 30 साल का रहा है लेकिन पिछले पांच साल किसी न किसी वजह से मदभेद भरे रहे हैं। हालाँकि, हम उन पार्टियों की मदद करने के लिए हमारे बीच गलतफहमी की अनुमति नहीं दे सकते, जिनके खिलाफ हमने सत्ता वापस पाने के लिए 50 साल तक लड़ाई लड़ी।”
समझौते के अनुसार, शिवसेना महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 23 और भाजपा 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। फडणवीस ने शिवसेना से वादा किया कि सरकार पार्टी द्वारा की गई मांगों को पूरा करने के लिए तैयार है। वादों में स्थानीय लोगों के विरोध के कारण रत्नागिरि से बाहर नानार तेल रिफाइनरी को शामिल करना, बृहन्मुंबई नगर निगम की सीमा से 500 वर्ग फीट तक के घरों के लिए संपत्ति कर माफ करना शामिल है। राज्य की ऋण-माफी योजना में किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी करना आदि।
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