EVM हैकिंग: चुनाव आयोग ने कहा, बैलेट पेपर के युग में वापस नही लौटा जा सकता है
नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की हैकिंग के खुलासे के बाद चुनाव आयोग पर विभिन्न्न पार्टियों द्वारा EVM की जगह पर बैलेट पेपर से चुनाव कराने का दबाव बनाया जा रहा है। कथित रूप से 2014 के आम चुनाव में EVM से छेड़छाड़ के आरोपों के बीच भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने गुरुवार को कहा कि बैलेट पेपर युग में वापस जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। चुनाव आयोग (EC) को इसके लिए धमकाया नहीं जाएगा, न ही तंग किया जाएगा और न ही EVM पद्धति को छोड़ने के लिए मजबूर किया जाएगा।
सुनील अरोड़ा ने कहा, “मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि हम बैलेट पेपर के युग में वापस नहीं जा रहे हैं। हम EVM और VVPAT का उपयोग करना जारी रखेंगे। हम राजनीतिक दलों सहित किसी भी हितधारक से किसी भी आलोचना और प्रतिक्रिया का स्वागत करते हैं।” गौरतलब है कि विभिन्न पार्टियाँ चुनाव आयोग पर बैलेट पेपर से चुनाव कराने का दबाव डाला है।
बहुजन समाजवादी प्रमुख मायावती ने एक बयान में कहा, “नवीनतम खुलासे ने EVM पर संदेह को और गंभीर बना दिया है। ऐसी परिस्थितियों में बेहतर है कि भविष्य के चुनावों, विशेष रूप से आगामी लोकसभा चुनावों में बैलट पेपर का उपयोग किया जाए।” समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी मायावती के विचारों से सहमत दिखे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि 2014 में लोकसभा चुनाव में EVM में छेड़छाड़ के आरोपों ने भारत को “राजनीतिक स्टंट” में डाल दिया है। देश को “कांग्रेस प्रायोजित साजिश” ने “बदनाम” करने का काम किया। प्रसाद ने कांग्रेस पर आरोप पर चुटकी ली और कहा कि पार्टी पहले ही लोकसभा चुनाव में अपनी “निश्चित हार” से पहले बहाने की तलाश शुरू कर चुकी है।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने हालांकि भाजपा के आरोपों का खंडन किया और कहा कि चुनाव आयोग को EVM पर विपक्षी दलों की आशंकाओं को स्वीकार करने के लिए कम से कम 50 प्रतिशत मतदाता-सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल्स (VVPAT) की जांच करनी चाहिए।
गौरतलब है कि सोमवार को अमेरिका में रहने वाले भारत के एक साइबर हैकर सैयद शुजा ने दावा किया कि 2014 के लोकसभा चुनावों में “EVM के द्वारा धांधली” की गई थी
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