बुलंदशहर हिंसा मामले में उत्तरप्रदेश पुलिस ने की तीन लोगों की गिरफ़्तारी, पहले गिरफ़्तार 4 लोग निकले ‘निर्दोष’  

Team Suno Neta Wednesday 19th of December 2018 02:41 PM
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UP पुलिस इन तीन (सादे कपड़े में) को बता रही हैं गौहत्या का असल आरोपी।

नई दिल्ली: बुलंदशहर में गौहत्या के मामले में उत्तरप्रदेश पुलिस ने पूरी तरह से यू-टर्न ले लिया है। पुलिस ने पहले जिन चार लोगों सर्फ़ुद्दीन, नन्हे, साजिद और आसिफ़ को गिरफ़्तार किया था, अब 17 दिन बाद उन्हें ही निर्दोष बता रही है। इतना ही नहीं,अब पुलिस इनकी रिहाई के लिए कोर्ट भी जाने की बात कर रही है।पुलिस के मुताबिक़ मंगलवार को जो तीन लोग नदीम, रईस और काला गिरफ़्तार किए गए हैं, वही असली गुनहगार हैं।  हालांकि हिंसा मामले में मुख्य आरोपी योगेश राज ने जो FIR दर्ज कराई थी, उनमें इन तीनों का नाम नहीं था। सबसे पहले इस केस में 27 नामित लोगों और 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ सियाना पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

दरअसल बुलंदशहर हिंसा मामले में पुलिस ने गोहत्या के आरोप में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया। हालांकि, इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या और हिंसा फैलाने के मुख्य आरोपी अब तक पुलिस की गिरफ़्त से बाहर हैं। पुलिस ने इस मामले में एक प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा है कि ये आरोपी पहले गायों को मारते थे और उसके बाद उसका मांस आपस में बांट लेते थे।  इन सब के बीच पुलिस ने इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या मामले में भी दो लोगों को गिरफ़्तार किया है,लेकिन दो हफ़्ते बीत जाने के बाद भी मुख्य आरोपी बजरंग दल के योगेश राज और शिखर अग्रवाल को पुलिस पकड़ नहीं पाई है।

बुलंदशहर SSP प्रभाकर चौधरी ने कहा कि नदीम, रईस और काला नामक तीन लोगों को गोहत्या के मामले में गिरफ्तार किए गये हैं। उनके पास से एक गाड़ी और लाइसेंसी हथियार भी बरामद किया गया है। उन्होंने कहा कि शुरुआती FIR ,जिनमें सात आरोपियों के नाम थे, उनमें तीनों के नाम नहीं थे। मगर जांच के दौरान इन तीनों के नाम सामने आए। चौधरी ने कहा कि 'पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और इन तीन लोगों के नाम गोहत्या में उनकी वास्तविक भूमिका के रूप में सामने आई है। आगे की जांच अभी भी चल रही है।

बुलंदशहर में गौहत्या के मुद्दे पर भड़की हिंसा में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के घरवालों का आरोप है कि इस घटना के सबूत मिटाए जा रहे हैं। सुबोध कुमार की पत्नी और बेटे ने कहा कि क़ातिल खुलेआम घूम रहा है क्योंकि उसे राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है। दूसरी तरफ हिंसा में मारे गए सुमित के परिवार ने 19 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद ANI को बताया, "हमने सुमित के लिए शहीद और सुबोध कुमार के परिवार के समान वित्तीय सहायता  की मांग की  है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि किसी के भी साथ अन्याय नहीं होगा।"

उत्तरप्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने बुलंदशहर जिले के स्याना थानाक्षेत्र में हुई हिंसा के सिलसिले में दो वांछित आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया हैं। STF के प्रवक्ता ने बताया कि सचिन उर्फ कोबरा एवं जानी चौधरी तीन दिसंबर को स्याना में हुई हिंसा के सिलसिले में वांछित थे।  प्रवक्ता ने बताया कि मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर एसटीएफ नोएडा की टीम ने सचिन और जानी को स्याना थानाक्षेत्र के गठिया बादशाहपुर बस स्टैण्ड से गिरफ्तार किया।  उल्लेखनीय है कि बुलंदशहर हिंसा में पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह तथा एक युवक सुमित की मौत हो गयी थी


 

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