2014 लोकसभा चुनाव में EVM हुई थी हैक, गोपीनाथ मुंडे और गौरी लंकेश की हत्या के पीछे EVM हैकिंग का राज़, हैकर ने लन्दन में किया खुलासा  

Team Suno Neta Tuesday 22nd of January 2019 10:33 AM
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नई दिल्ली: सोमवार को भारत के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के पूर्व डिजाइनर होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने लंदन में एक न्यूज़ कॉन्फ्रेंस में बताया कि  EVM को 2014 के लोकसभा चुनाव में धांधली के लिए हैक किया गया था।

खुद को सैयद शुजा  बताते हुए उसने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के पूर्व मंत्री गोपीनाथ मुंडे और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या,EVM हैकिंग की साजिश को उजागर होने से रोकने के लिए की गई थी। शुजा ने दावा किया कि दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने भाजपा को EVM  हैक करने में मदद की।गौरतलब है कि 2014 में Jio परिचालन में नहीं था और सितंबर 2016 में JIO ने अपनी सेवाओं को लॉन्च किया था। शुजा ने हालांकि दावा किया कि Jio ने 2012 से ही आधारभूत संरचना का काम शुरू कर दिया था।

शुजा भारतीय पत्रकार संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से जवाब दे रहा था। संभवतः वह अमेरिका में कहीं से बोल रहा था। खराब रोशनी और उसके चश्मे ने उसके चेहरे ढक रखा था। उसने 2009 से 2014 तक वोटिंग मशीन बनाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) के लिए काम करने का दावा किया। उसने कहा कि वह एक टीम का हिस्सा था जिसने 2014 लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल की गई मशीनों को डिजाइन किया था।

केवल M1 (2006 तक निर्मित) और M2 (2006 और 2010 के बीच निर्मित) मशीनों का उपयोग 2014 में किया गया था। अगर शुजा वास्तव में 2009 में ECIL में शामिल था तो वह 2014 में इस्तेमाल की गई मशीनों को डिजाइन नहीं कर सकता था। शुजा ने दावा किया कि उन्हें और उनकी टीम को एहसास हुआ कि 2014 के चुनावों में इस्तेमाल की जाने वाली मशीनें सिग्नल का उत्सर्जन कर रही थीं।  उनकी टीम ने हैदराबाद के भाजपा नेताओं को सूचना देने के लिए ब्लैकमेल करने की कोशिश की थी।

उसने दावा किया कि उसकी टीम के कई सदस्यों को वहां एक भाजपा नेता के साथ बैठक के दौरान गोली मार दी गई थी और उसे भी गोली मारकर घायल कर दिया गया था लेकिन वह भागने में सफल रहा। उसने दावा किया कि वह अमेरिका में राजनीतिक शरण मांग रहा हैं। शुजा ने कहा कि हैदराबाद के किशनबाग इलाके में एक दंगा हुआ था और उसके मृत सहयोगियों को दंगा पीड़ितों के रूप में समझ कर केस को बंद कर दिया गया था। गौरतलब है कि मई 2014 में हैदराबाद में पुलिस की गोलीबारी में  एक व्यक्ति और दंगे में तीन लोग मारे गए थे।

लेकिनअमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने संदेश का जवाब देने के लिए स्पष्टीकरण नहीं दिया कि क्या शुजा ने वास्तव में राजनितिक शरण मांगी थी।

उसने आगे बताया: “रिलायंस जियो के पास डेटा संचारित करने के लिए नेटवर्क है। भाजपा इसका फायदा उठाती है। भारत में ऐसी नौ जगहें हैं जहां ये सुविधाएं हैं। कर्मचारियों को पता ही नहीं होता था कि वे EVM के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं, उन्हें लगता था कि वे डेटा एंट्री कर रहे हैं।’’ उसने आगे बताया कि  गोपीनाथ मुंडे की हत्या इसलिए कर दी गयी क्योंकि उन्हें हैकिंग के बारे में पता था।

शुजा ने दावा किया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA ) के एक अधिकारी तंजील अहमद की 2016 में हत्या कर दी गई थी क्योंकि वह मुंडे की मौत की प्राथमिकी दर्ज करना चाहते थे। पुलिस ने दावा किया था कि पारिवारिक विवाद को लेकर अहमद की हत्या की गई थी। इससे पहले गौरी लंकेश की हत्या इसलिए कर दी गयी क्योकि वह इस पर एक समाचार रिपोर्ट प्रकाशित कर सकती थी।

शुजा आगे बताया कि कई दलों ने उसकी सेवाओं के लिए “उसकी टीम’’ से संपर्क किया था। जिसमे भाजपा, सपा, बसपा, पंजाब का एक राजनीतिक दल भी शामिल था। शुजा ने दावा किया: “आम आदमी पार्टी (AAP) चाहती थी कि हम दुनिया को दिखाने के लिए EVM हैक कर लें कि EVM हैक हो सकती है। हमने उन्हें एक संभावित समाधान दिया जो वे उपयोग करने में सक्षम नहीं थे। उन्होंने पोल पैनल द्वारा EVM (2018 में) को हैक करने की चुनौती में भाग नहीं लिया।’’ उसने आगे बताया कि  कि उसकी टीम ने 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव और राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पिछले साल के चुनावों में धांधली को सफलतापूर्वक रोका था।

न्यूज कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल भी शामिल थे।

इस खुलासे के चुनाव आयोग ने  एक बयान जारी कर कहा कि EVM को हैक नहीं किया जा सकता है।

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा, “क्या कांग्रेस को लगता है कि जनता इतनी भोली है?’’


 
 

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