#MeToo: मंत्री एम जे अकबर ने अपने मंत्री पद से दिया इस्तीफा
नई दिल्ली: विदेश मामलों के राज्य मंत्री एम जे अकबर ने 16 यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
अकबर ने अपने एक बयान में कहा: “चूंकि मैंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता से कानून की अदालत में न्याय लेने का फैसला किया है, इसलिए मुझे लगता है कि कार्यालय से इस्तीफा देकर अपने व्यक्तिगत क्षमता से मेरे खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों को चुनौती देना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा: “मैंने विदेश मामलों के राज्य मंत्री के कार्यालय से अपना इस्तीफा दे दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेशी मामलों के मंत्री सुषमा स्वराज के लिए मै गहराई से आभारी हूं क्योंकि इन्होने मुझे अपने देश की सेवा करने का अवसर प्रदान किया।”
अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं और उन्होंने, पत्रकार प्रिया रमानी जो की अकबर का नाम लेने वाली पहली महिला थीं, अकबर ने मंगलवार को उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था। आज अकबर के इस्तीफ़े के बाद रमणी के ट्वीट किया की “महिलाओं के रूप में हम एमजे अकबर के इस्तीफे से अपने को सही महसूस करते हैं। मैं उस दिन की प्रतीक्षा करता हूं जब मुझे अदालत में न्याय मिलेगा #MeToo”
As women we feel vindicated by MJ Akbar’s resignation.
— Priya Ramani (@priyaramani) October 17, 2018
I look forward to the day when I will also get justice in court #metoo
सोमवार को अकबर ने रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि रमानी ने “जानबूझकर” और “दुर्भावनापूर्ण” तरीके से उनकी प्रतिष्ठा और राजनीतिक स्थिति को बदनाम करने के उद्देश्य से यह सब आरोप लगा रही हैं।
इस बीच, कानून फर्म करंजवाला एंड कंपनी के वकील संदीप कपूर जो की अकबर की तरफ से अदालत में उनका बचाव पक्ष रखेंगे उन्होंने कहा कि निजी आपराधिक मानहानि का मामला अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के सामने 18 अक्टूबर (गुरुवार) को सुनवाई होगी।उन्होंने आगे कहा, “चूंकि हमने पहले से ही मानहानि का मामला दर्ज करा दिया है, इसलिए हम इसे अदालत में ही आगे बढ़ाएंगे।”
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