MNF के जीत के बाद ज़ोरमथंगा ने मिज़ोरम के मुख्यमंत्री के रूप में ली शपथ
नई दिल्ली: मिज़ोरम में विधानसभा चुनावों में मिज़ो नेशनल फ्रंट (MNF) की जीत के बाद पार्टी नेता ज़ोरमथंगा ने शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। MNF ने लल थनवाला की सत्ताधारी कांग्रेस को हराया जो कि मिजोरम में पिछले दो कार्यकाल से सत्ता में थे। कांग्रेस 40 सदस्यीय विधानसभा में केवल पांच सीटें ही जीत पायी। यह मुख्यमंत्री के रूप में ज़ोरमथंगा का दूसरा कार्यकाल है। उन्होंने इससे पहले 1998 से 2008 के बीच की राज्य के मुख्यमंत्री पद को सम्हाला था।
MNF ने इस विधानसभा चुनाव में 26 सीटें जीतीं, जबकि पिछले साल गठित ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) ने गैर-कांग्रेस और गैर-MNF पार्टियों के गठबंधन के साथ केवल आठ सीटे ही जीत पायी। भाजपा केवल एक ही सीट जीत पायी।
परिणामों के बाद ज़ोरमथंगा ने कहा था: “मैंने भविष्यवाणी की थी कि हम 25–30 सीटों के बीच जीतेंगे। और मैंने यह भी कहा था कि कांग्रेस 10 से नीचे आ सकती है। हम 10 साल बाद सत्ता में वापस आए हैं। हम आसानी से मिज़ोरम में सरकार बना सकते हैं।”
MNF का गठन 1961 में लाल्डेंगा के नेतृत्व में हुआ था। जिसने 1966 में भारत के खिलाफ मिज़ोरम में विद्रोह का नेतृत्व किया था। विद्रोह दो दशकों तक चला। 1986 में MNF ने ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।
MNF के अध्यक्ष ज़ोरमथंगा का जन्म 13 जुलाई, 1944 को समथंग, मिज़ोरम में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दक्षिण खौबंग और चंपाइ गांधी मेमोरियल हाई स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने डी एम कॉलेज मणिपुर से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की। इनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं।
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