ममता बनर्जी से मुलाक़ात के बाद पश्चिम बंगाल डॉक्टरों ने की हड़ताल खत्म; सुप्रीम कोर्ट में चिकित्सको के सुरक्षा को लेकर होगी सुनवाई  

Amit Raj  Monday 17th of June 2019 07:38 PM
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नई दिल्ली: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बंगाल के हड़ताली डॉक्टरों के बीच गतिरोध को तोड़ने के लिए ममता बनर्जी के साथ बातचीत के प्रस्ताव को डॉक्टरों द्वारा ठूकरा देने के बाद, बैठक को लाइव प्रसारण की अनुमति नहीं दी गई थी। काफी मशक्कत के पश्चात सोमवार को डॉक्टरों और ममता बनर्जी की बात संभव हो सकी। जिसके बाद डॉक्टरों ने हड़ताल वापस लेने का फैसला किया है। विरोध प्रदर्शन पिछले हफ्ते शुरू हुए जब तीन जूनियर डॉक्टरों को एक मरीज के परिवार के सदस्यों द्वारा कोलकाता के नील रतन सर्कार अस्पताल में पीटा गया था

हड़ताली जूनियर डॉक्टरों के एक प्रतिनिधि ने संवाददाताओं को बताया कि वे अपनी मांग पर पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि मुख्यमंत्री एनआरएस मेडिकल कॉलेज में बातचीत के लिए आए। वे राज्य सचिवालय जाने के लिए तैयार नहीं हैं। हालांकि आज सोमवार ममता ने डॉक्टरों के एक दल से मिलने की बात कही थी जो सफल रही।

चिकित्सा शिक्षा निदेशक पी के मित्रा के एक पत्र में कहा: “मुख्यमंत्री सचिवालय नबाना में प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के दो प्रतिनिधियों से मिलने के लिए सहमत हुई हैं। चर्चा में आपकी सभी मांगों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। मैं यह भी पुष्टि करता हूं कि इस बैठक में की गई चर्चा और संकल्पों को रिकॉर्ड किया जाएगा, और विधिवत आपको सूचित किया जाएगा।”

आज भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी ही रही। शीर्ष चिकित्सा निकाय ने रविवार को ही कहा था कि आउटडोर मरीज विभाग (ओपीडी) सेवाओं सहित सभी गैर-जरूरी सेवाएं, सोमवार को सुबह 6 बजे से मंगलवार सुबह 6 बजे तक 24 घंटे के लिए वापस ली जाएंगी।  इमरजेंसी और कैजुअल्टी सेवाओं पर काम जारी रहेगा।

नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टरों ने भी सोमवार को एक विरोध मार्च निकाला और सोमवार को दोपहर से मंगलवार सुबह 6 बजे तक हड़ताल पर रहेंगे। आकस्मिक सेवाओं, आईसीयू और लेबर रूम सहित आपातकालीन सेवाएं हमेशा की तरह कार्य करेंगी।

एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) ने एक बयान में कहा, “हम एक बार फिर पश्चिम बंगाल प्रशासन से हड़ताली डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने और आम जनता के बीच जल्द से जल्द मामले को सुलझाने का आग्रह करते हैं।”

इन्होंने कहा था कि कार्रवाई के आगे के निर्णय के लिए शाम 6 बजे उसके आम निकाय की बैठक आयोजित की जाएगी।

गुजरात, राजस्थान और त्रिपुरा जैसे कई अन्य राज्यों के डॉक्टर भी हड़ताल कर रहे थे।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने शुक्रवार से चार दिवसीय देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किया था और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा की जांच के लिए केंद्रीय कानून की मांग की थी।

रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री हर्षवर्धन ने, राज्यों से डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों को किसी भी प्रकार की हिंसा से बचाने के लिए विशिष्ट कानून बनाने पर विचार करने के लिए कहा है।

IMA ने कहा कि हिंसा के जिम्मेवार अपराधियों के लिए 'दंड का प्रावधान' केंद्रीय कानून का एक घटक होना चाहिए और इसके लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) और दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में उपयुक्त संशोधन लाया जाना चाहिए।

IMA ने अपने बयान में कहा कि उपयुक्त कानून को शामिल करके केंद्रीय कानून का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाना है। उन्होंने कहा कि संरचित सुरक्षा उपायों, जिसमें तीन-परत सुरक्षा, सीसीटीवी कैमरे और आगंतुकों के प्रवेश पर प्रतिबंध शामिल है, को सभी क्षेत्रों में समान रूप से परिभाषित और लागू किया जाना चाहिए।

IMA ने बयान में कहा, “कोलकाता में 85 वर्षीय मरीज की मौत के बाद चिकित्सक पर हमला निंदनीय है। उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचे गंभीर मरीज के लिए चिकित्सक सिर्फ प्रयास कर सकता है। वह भगवान नहीं, जो अमरत्व प्रदान कर दें। बावजूद लोगों का उग्र होना चिंताजनक है।"

उन्होंने कहा “IMA को उम्मीद है कि भारत सरकार इन घटकों में से प्रत्येक के लिए प्रदान करेगी।”

वहीं पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर के साथ मारपीट के बाद डॉक्टरों और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी में जारी विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट के एक याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियम बनाने की मांग की गई है। बताया जा रहा है कि इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 18 जून को सुनवाई करेगा। 

यह याचिका वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की तरफ से दायर की गई है, जिसमें डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सादा वर्दी में सुरक्षाकर्मी तैनात किये जाने की मांग की गई है। इसके साथ ही इस याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि वो ममता सरकार को आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए कहें।

पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद हड़ताल खत्म कर दी है। इससे पहले ममता बनर्जी ने सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए नोडल अधिकारियों को नियुक्त करने के पुलिस को निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने सप्ताहभर से चले आ रहे गतिरोध को समाप्त करने के प्रयास में सोमवार को हड़ताली चिकित्सकों के साथ बैठक की। केवल दो क्षेत्रीय न्यूज चैनलों को राज्य सचिवालय में बनर्जी और जूनियर डॉक्टरों के बीच हुई बैठक को कवर करने की अनुमति दी गई।


 
 

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