मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामला: CBI अधिकारी के ट्रांसफर पर कोर्ट की अवमानना मामलें में नागेश्वर राव पर ₹1 लाख का जुर्माना
नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बच्चियों के साथ दुव्र्यवहार मामले में CBI जांच अधिकारी को बदलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इसे अवमानना मानते हुए CBI अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया है। इतना ही नहीं उन्हें कहा गया है कि जब तक कोर्ट चलेगी जब तक वे कोर्ट में पीछे कोने में बैठे रहेंगे। इससे पहले नागेश्वर राव ने कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी थी, जिसको कोर्ट ने नामंजूर कर दिया था।
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की CBI जांच में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिना उसकी अनुमति के किसी भी जांच अधिकारी का ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद भी नागेश्वर राव ने जांच टीम के CBI अधिकारी एके शर्मा का 17 जनवरी को CBI से CRPF में टांर्सफर कर दिया था।
कोर्ट ने जब इस मामलें को संज्ञान में लिया तो CBI के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव ने बिना शर्त सुप्रीम कोर्ट से माफी मांग ली थी। उन्होंने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में बिना शर्त माफीनामा दाखिल कर दिया था।
सुनवाई के वक्त अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि राव ने अपनी गलती मान ली है। कोर्ट के आदेश के अवमानना पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अवमानना के आरोपी का बचाव सरकार के पैसे से क्यों किया गया?
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को इससे पहले बिहार से दिल्ली की कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ट्रांसफर किया गया था।
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