गिर के जंगल में घातक वायरस के कारण 1 महीने में 23 शेरों की मौत 

Team Suno Neta Monday 8th of October 2018 10:21 AM
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गिर के शेर

नई दिल्ली: गुजरात वन विभाग ने रविवार को गिर के शेरों को कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (CDV) नामक घातक वायरस से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है, जो शेरों की मौत के लिए जिम्मेदार था। गुजरात सरकार ने कहा है कि जानलेवा वायरस के शिकार गिर के शेरों को कहीं और स्थानांतरित नहीं किया जायेगा। इस वायरस के कारण गिर के जंगलों में 1 महीने के भीतर 23 शेरों की मौत हो चुकी है।

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने जूनागढ़ में गिर की स्थिति नियंत्रण में बताते हुए कहा कि जंगल शेरों के लिए सुरक्षित है और राज्य सरकार शेरों के संरक्षण के प्रति संवेदनशील और प्रतिबद्ध है। ऐसे में शेरों को स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।

वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि शेर, लुप्तप्राय प्रजातियों को गहन पशु चिकित्सा देखभाल के तहत और मानक प्रोटोकॉल के अनुसार टीका लगाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अधिकांश शेरों की मौत CDV और प्रोटोजोआ संक्रमण के कारण हुई है।

CDV को एक खतरनाक वायरस बताया और पूर्वी अफ्रीकी 30 प्रतिशत जंगलों में शेरों के मरने के पीछे इस वायरस को दोषी ठहराया है।

गांधीनगर में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि केवल वन विभाग के तहत आने वाले शेरों का टीकाकरण किया जा रहा है। एशियाई शेरों में CDV फैलने की पुष्टि होते ही राज्य सरकार ने अमेरिका से वायरस रोधी 300 टीके मंगवाए हैं। 2015 में हुई पिछली जनगणना के अनुसार, गिर के जंगल में शेरों की संख्या 523 थी।


 

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