किसानों के खातों में डलने के बाद वापस चले गए पीएम किसान योजना के पैसे: रिपोर्ट 

Shruti Dixit  Friday 3rd of May 2019 07:59 PM
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नई दिल्ली: बीते 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के फर्टिलाइजर मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही डिजिटल बटन दबाया, कहा गया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत एक करोड़ एक लाख किसानों के खाते में दो-दो हजार की पहली किस्त पहुंच गई। इसके बाद पीएम ने 56 मिनट तक सिर्फ किसानों की बेहतरी की ही बातें कीं।

लेकिन अब “द वायर” के सुचना अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत मिले जवाब के मुताबिक, तमाम जगहों से किसानों के खातों से “सम्मान राशि” डेबिट होने की बात सामने आयी हैं। खुशियों का मैसेज अब धोखे के एसएमएस में तब्दील हो चुका है। किसान बैंक से लेकर अफसरों तक शिकायत दर्ज करा रहे हैं लेकिन उन्हें दो टूक जवाब मिल रहा है “न हमने रकम भेजी है, न ही निकाली है।”

दावा किया गया था कि पीएम किसान सम्मान निधि से यूपी के ही सर्वाधिक किसान लाभान्वित हुए हैं। प्रदेश के हर जिले में 20 से 70 हजार किसानों के खाते में पहली किस्त पहुंच चुकी है। लेकिन अब खाते में पहुंची रकम वापस होने के मामले सामने आ रहे हैं। इतना ही नहीं, इसमें लेखपालों के भ्रष्टाचार की खबरें भी आम हैं। गोंडा में तो जिलाधिकारी को शिकायतों के बाद दर्जन भर लेखपालों केखिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी। किसानों का आरोप था कि लेखपाल यह कहते हुए 500 रुपये मांग रहे हैं कि फ्री में दो हजार मिलना है, 500 रुपये देने में क्या दिक्कत है।

क्षमानाथ कहते हैं कि किसान क्रेडिट कार्ड से ट्रैक्टर लोन पर लिया है। सोसाइटी से खाद-बीज भी लेते हैं।आयकर दाता भी नहीं हैं। ऐसे में 2000 की पहली किस्त क्यों वापस हो गई, समझ से परे है। किसान ने बताया कि जिला कृषि अधिकारी कार्यालय गए थे, लेकिन वहां से संतोषजनक उत्तर नहीं मिला।

जौनपुर में 6 लाख 55 हजार से अधिक ऐसे किसान हैं जिनके पास दो हेक्टेयर से कम खेत है। राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने जांच के बाद 3 लाख 50 हजार किसानों की ऑनलाइन फीडिंग कर दी है। जांच के बाद अब तक एक लाख 35 हजार किसान पात्र पाए गए हैं। कृषि विभाग के जिम्मेदारों के मुताबिक, जिले में तीन हजार से अधिक किसानों के खाते से रकम वापस हो गई है। 

सकरा गांव निवासी हदीदुल निशा का कहना है कि मोदी सरकार की कथनी और करनी में काफी अंतर है। वहीं बदलापुर क्षेत्र के घनश्यामपुर निवासी शम्भू नाथ मिश्रा के खाते से भी 2,000 रुपये की रकम वापस हो गई है।

आंध्र बैंक ने दावा किया कि उसने लगभग 8,54,000 खातों में 170 करोड़ रुपये जमा किए। इसमें से 90,50,02,178 रुपये को "वापस" ले लिया गया था, लेकिन यह समझाया नहीं जा सकता है कि क्या यह पैसा योजना के पैसे या किसानों की बचत से निकाला गया था।

अधिकतर, बैंक इस योजना के लिए अब तक डेबिट फंड के बारे में कोई स्पष्टीकरण देने में विफल रहे।

कृषि मंत्रालय के किसान कल्याण विभाग ने धन के उलटफेर के ऐसे किसी मामले के बारे में कहा, जो RTI  के एक प्रश्न के जवाब में कहा गया है कि राज्य सरकार ऐसे मामलों की रिपोर्ट करने के लिए ज़िम्मेदार है और इस तरह की कोई भी जानकारी विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। दूर।

इसमें कहा गया है कि 60,05,48,58,000 रुपये दिसंबर, 2018 और 31 मार्च, 2019 के बीच पीएम-किसान योजना के तहत पहली किस्त के रूप में लगभग 3,00,27,429 किसानों के खातों में जमा किए गए थे। कई मीडिया रिपोर्टों ने यह भी दावा किया कि किसानों ने फरवरी में डेबिट फंडों के बारे में शिकायत करना शुरू कर दिया था।

द वायर अपने रिपोर्ट में यह भी कहा हैं कि पीएम-किसान योजना के सीईओ और कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव को सवालों की एक सूची ई-मेल की है विस्तृत जानकारी के लिए, लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।


 
 

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