ममता बनर्जी ने केंद्र में विपक्ष की सरकार बनने पर अपनी पार्टी के घोषणापत्र में नोटबंदी की न्यायिक जाँच कराने का किया वादा
नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि विपक्ष सत्ता में आता है तो नोटबंदी की न्यायिक जांच होगी। उन्होंने कहा कि नीति आयोग को हटाकर योजना आयोग को वापस लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र में भाजपा विरोधी गठबंधन सत्ता में आया तो नीति आयोग के सभी सुझाव रद्द कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि तृणमूल ने चुनाव आयोग को आपत्ति के दो पत्र भी लिखे है।
सुश्री बनर्जी ने न्यूज़ कॉन्फ्रेंस में नोटबंदी पर जांच शुरू करने का तर्क देते हुए घोषणा पत्र के शुरूआती पैराग्राफ में कहा कि पुराने नोटों की वापसी के कारण “पूरे देश में बहुत उत्पीड़न हुआ”। जब विपक्ष की नई सरकार बनेगी तो सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश द्वारा निगरानी में नोटबंदी न्यायिक जांच करायी जाएगी।
बनर्जी ने कहा कि विपक्ष द्वारा बनी नई सरकार बनने पर उसके सामने सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम (CMP) के कार्यक्रम के तहत कहा, “हम चाहते हैं कि 100 दिन का काम दोगुना होकर 200 दिन हो जाए। दैनिक वेतन जो अब 191 रुपये है, उसे CMP में दोगुना किया जाएगा।”
बनर्जी ने कहा कि उनकी अन्य प्रमुख मांग नीति आयोग को हटाकर योजना आयोग को वापस लाने की होगी। उन्होंने कहा, “योजना आयोग सुभाष चंद्र बोस के दिमाग की उपज था। मोदी सरकार ने इसे भंग कर दिया। उन्होंने अपने आदमियों को लेकर नीती आयोग को बनाया और उन्होंने योजना आयोग की तरह इसे संचालित करने से मना कर दिया। योजना आयोग में अधिकारी राज्यों के साथ संपर्क में होते थे। मांग, खर्च की प्रकृति के बारे में पूछते थे, लेकिन सब कुछ रुक गया।”
ममता बनर्जी ने कहा उनकी पार्टी के घोषणा पत्र में किसानों के लिए विशेष पैकेज, असंगठित क्षेत्र में श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना और एक विशेषज्ञ समिति द्वारा GST की समीक्षा जैसी 12 मांगों की सूची प्रस्तावित की गयी है। बनर्जी ने अपनी सरकार की परियोजनाओं पर भी प्रकाश डाला। घोषणापत्र में TMC ने “देश को विभाजन, घृणा और सत्तावाद से बचाने के लिए खड़े होने की आवश्यकता” पर ध्यान केंद्रित किया है।
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