5 करोड़ अल्पसंख्यक छात्रों को मिलेगी छात्रवृति, 50 प्रतिशत लड़कियां भी होंगी हकदार 

Amit Raj  Wednesday 12th of June 2019 11:16 AM
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मुख्तार अब्बास नकवी

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए बड़ी घोषणा की है। सरकार उनके लिए छात्रवृति योजना लेकर आई है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक समाज के सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण के लिए अगले पांच वर्षों में पांच करोड़ विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाएगी और इनमें आधी संख्या में लड़कियां होंगी।

नकवी ने कहा कि, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली इंसाफ, ईमान और इकबाल की सरकार ने विकास की सेहत को साम्प्रदायिकता एवं तुष्टीकरण की बीमारी से मुक्ति दिलाकर सेहतमंद समावेशी सशक्तिकरण का माहौल तैयार किया है।”

मुख्तार अब्बास नकवी ने घोषणा करते हुए यह भी कहा कि “अल्पसंख्यक वर्ग की स्कूल ड्रॉपआउट लड़कियों को देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों से ब्रिज कोर्स करा कर उन्हें शिक्षा और रोजगार से जोड़ा जाएगा। देश भर के मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मदरसा शिक्षकों को विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से प्रशिक्षण दिलाया जायेगा ताकि वे मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा- हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर आदि- दे सकें। यह काम अगले महीने से शुरू कर दिया जायेगा।”

 3E- ऐजुकेशन (शिक्षा), एम्प्लायमेंट (रोजगार व रोजगार के मौके) एवं इम्पावरमेंट (सामाजिक-आर्थिक-सशक्तिकरण) कार्यक्रम के तहत अगले पांच वर्षों में प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक एवं मेरिट-कम-मीन्स आदि योजनाओं द्वारा पांच करोड़ विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाएगी, जिनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों को शामिल किया जाएगा। इनमे आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की लड़कियों के लिए 10 लाख से ज्यादा “बेगम हजरत महल बालिका छात्रवृत्ति” भी शामिल हैं।

नकवी ने कहा कि जिन क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थाओं के लिए पर्याप्त ढांचागत सुविधायें नहीं है वहां प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत पॉलिटेक्निक, आई.टी.आई, गर्ल्स हॉस्टल, स्कूल, कॉलेज, गुरूकुल टाईप आवासीय विद्यालय, कॉमन सर्विस सेंटर आदि का निर्माण शुरू कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि “पढ़ो व बढ़ो” जागरूकता अभियान के अंतर्गत उन सभी दूर दराज के क्षेत्रों में जहां सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछडापन है तथा लोग अपने बच्चों को शैक्षणिक संस्थानों में नहीं भेज पा रहे हैं, उन माता-पिता को अपने बच्चों को शैक्षणिक संस्थानों में भेजने हेतु जागरूक एवं प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें विशेष रूप से लड़कियों की शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा। साथ ही शैक्षणिक संस्थाओं को सुविधा एवं साधन उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी काम किया जाएगा। साथ ही

नुक्कड़ नाटकों, लघु फिल्मों आदि जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूकता और प्रोत्साहन का अभियान चलाया जाएगा। इस कड़ी में पहले चरण में देश के 60 अल्पसंख्यक बहुल जिलों को चयनित कर इस अभियान को प्रारंभ किया जाएगा।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नकवी ने कहा कि इसके अलावा, आर्थिक रूप से कमजोर अल्पसंख्यक- मुस्लिम, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी- युवाओं को केंद्र एवं राज्य की प्रशासनिक सेवाओं, बैंकिंग, कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे एवं अन्य प्रतियोगी परिक्षाओं हेतु फ्री-कोचिंग की व्यवस्था की जाएगी।

उन्होंने बताया कि राजस्थान के अलवर में विश्वस्तरीय अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान का निर्माण कार्य जल्द शुरू हो जाएगा।


 
 

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