बर्खास्त IPS अधिकारी संजीव भट्ट को 1990 हिरासत में मौत का मामले में आजीवन कारावास  

Amit Raj  Thursday 20th of June 2019 02:24 PM
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संजीव भट्ट

नई दिल्ली: गुजरात कैडर के बर्खास्त भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी संजीव भट्ट को तीन दशक पुराने हिरासत में हुए यातना एवं मौत के एक मामले में सुनवाई करते हुए जामनगर सेशन कोर्ट ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है। संजीव भट्ट के अलावा एक अन्य पुलिस अधिकारी प्रवीण सिंह झाला को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

मामला वर्ष 1990 के है जब जाम जोधपुर में दंगे हुए थे संजीव भट्ट तत्कालीन समय मे जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (additional SP) थे और तत्कालीन समय मे 150 लोगो की गिरफ्तारी हुई थी। इन 150 लोगो में प्रभुदास वैष्णव नामक शख्स भी शामिल था जिसकी तबीयत थाने में बिगड़ गई और उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया. इसके बाद प्रभुदास के परिजनों ने संजीव भट्ट सहित 6 अन्य लोगो पर मामला दर्ज कराया था जिसका आज फैसला आया जिसमे संजीव भट्ट और प्रवीण सिंह झाला को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। संजीव भटट् के अलावा एक और पुलिस अधिकारी प्रवीण सिंह झाला को भी आजीवन कारावास की सजा मिली है।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संजीव भट्ट की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। भट्ट ने याचिका में अपने खिलाफ हिरासत में हुई मौत के मामले में गवाहों की नए सिरे से जांच की मांग की थी। भट्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। बता दें कि, संजीव भट्ट को 2011 में बिना अनुमति के ड्यूटी से नदारद रहने और सरकारी गाड़ियों का दुरुपयोग करने के आरोप में निलंबित किया गया था। अगस्त 2015 में उन्हें बर्खास्त किया गया।

1998 में मादक पदार्थ से जुड़े एक मामले में भी भट्ट गिरफ्तार हुए थे। बनासकांठा के डीसीपी थे। तब भट्ट को पालनपुर में मादक पदार्थों की खेती के एक मामले में 6 अन्य लोगों के साथ गिरफ़्तार किया गया था।


 
 

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