प्रधानमंत्री मोदी की जाति पर छिड़ी बहस, विपक्ष ने बताया ‘कागजी’ 

Shruti Dixit  Monday 29th of April 2019 09:12 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (अक्षय कुमार के साथ)

नई दिल्ली लोकसभा चुनाव के केंद्र बिंदु फिलहाल जाति बनता दिख रही है। एक तरफ विपक्ष ने पीएम नरेंद्र मोदी पर वार करते हुए उन्हें नकली पिछड़ा करार दिया है तो दूसरी तरफ बीजेपी ने कहा है कि जाति की राजनीति कर दौलत बटोरने वालों को जनता जवाब देगी। पीएम मोदी की ओर से खुद को अति पिछड़ा करार देने पर बीएसपी चीफ मायावती ने कहा था कि वह नकली ओबीसी हैं और उन्होंने गुजरात का सीएम बनने के बाद अपनी जाति को ओबीसी में शामिल किया था।

यही नहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी पीएम मोदी की जाति को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि वह कागजी ओबीसी हैं। इस पर फाइनैंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने पलटवार करते हुए दो ट्वीट किए हैं। उन्होंने लिखा, “आखिर प्रधानमंत्री की जाति की क्या प्रासंगिकता है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने सिर्फ विकास को लेकर ही सियासत की है। वह राष्ट्रवाद से प्रभावित रहे हैं।” उन्होंने विपक्ष पर जाति के नाम पर लोगों को ठगने का आरोप लगाते हुए कहा, “गरीब लोगों को जाति के नाम पर ठगने वाले लोग सफल नहीं होंगे। जाति की राजनीति के नाम पर इन लोगों ने सिर्फ दौलत बटोरी है। आरजेडी और बीएसपी के प्रथम परिवार की तुलना में पीएम मोदी की दौलत 0.01 पर्सेंट भी नहीं है।”

इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी की जाति को लेकर चल रही बहस पर कहा कि उन्हें इस संबंध में कुछ नहीं पता। उन्होंने कहा कि मुझे पता नहीं है कि प्रधानमंत्री कौन सी कास्ट के हैं। मेरे ख्याल से विपक्ष ने कभी इस तरीके से बात नहीं की। प्रियंका ने कहा, “जहां तक विपक्ष की बात है तो मैं जानती हूं कि खास तौर पर जो कांग्रेस के नेता हैं, वे सिर्फ विकास के मुद्दे उठा रहे हैं। हमने इनके बारे में कभी कोई व्यक्तिगत आलोचना नहीं की।”


 

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