‘प्रेस की आज़ादी’ के मामले में पहले से और फिसला भारत, आ गिरा 140वीं रैंक पर  

Shruti Dixit  Friday 19th of April 2019 12:46 PM
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नई दिल्ली वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत का स्तर 179 देशों की सूची में और गिर गया है। इस सूचकांक में भारत वर्ष 2002 के मुकाबले नौ स्थान नीचे गिरकर 140वें नंबर पर पहुंच गया और चिंतकों का कहना है कि यह ‘विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र’ के हिसाब से दयनीय स्थिति है। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने साल 2013 के लिए वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में कहा है, ‘‘एशिया में, पत्रकारों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के मामलों में कार्रवाई नहीं करने की बढ़ती प्रवृति तथा इंटरनेट सेंसरशिप के चलते भारत इस पायदान पर 2002 के बाद से सर्वाधिक नीचे पहुंच गया है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘चीन (173वां) में कोई सुधार नहीं दिखता। इसकी जेलों में अभी भी बहुत से पत्रकार बंद हैं और इंटरनेट सेंसरशिप के लगातार बने रहने से सूचना तक पहुंच में एक बड़ी बाधा बनी हुई है।’’रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में प्रशासन वेब सेंसरशिप पर जोर दे रहा है तथा अधिक कड़े प्रतिबंध लगा रहा है। इसके साथ ही पत्रकारों के खिलाफ हिंसा के मामलों में कोई सजा नहीं दी जाती तथा कश्मीर और छत्तीसगढ़ जैसे क्षेत्र अलग-थलग पड़ रहे हैं।

इसमें आगे कहा गया है कि बांग्लादेश में भी बहुत अधिक बेहतर हालात नहीं हैं। वहां पत्रकारों को अक्सर पुलिस हिंसा का शिकार होना पड़ता है। मीडिया के दुश्मनों को छूट मिली होती है और कभी कभार ही ऐसा होता है कि ऐसे लोगों को सजा मिलती हो। अगर पीछे जाएं, तो मीडिया को मिलने वाली स्वतंत्रता के मामले में साल 2018 में भारत की स्थिति उससे पहले के 4 साल से भी सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई थी। उस वक्त इस इंडेक्स में भारत की रैंकिंग 138 थी। इससे पहले भारत की इतनी बुरी रैंकिंग 2013 और 2014 में थी। तब भारत 140 नंबर पर था। 2017 में भारत 136वें पायदान पर पहुंच गया था। पाकिस्तान इस रैंकिंग में भारत से एक पायदान नीचे 139 नंबर पर है। 2017 में भी पाकिस्तान इसी पायदान पर था।


 
 

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