चुनाव आयोग के पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के समय में कटौती पर ममता बनर्जी के समर्थन में विपक्ष, दीदी ने व्यक्त किया आभार
नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पों के मद्देनजर, चुनाव आयोग द्वारा चुनाव-प्रचार के समय में कटौती के आदेश के बाद सभी विपक्षी नेताओं ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ एकजुटता दिखाई है।
राजनीतिक पार्टी के नेताओं, जैसे बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के नेता एन चंद्रबाबू नायडू, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस नेताओं ने लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में चुनाव अभियान को छोटा करने के फैसले पर आक्रामक रूप दिखाते हुए चुनाव आयोग पर सवाल खड़ा किया है ।
अमित शाह के रोडशो के दौरान हुई हिंसक झड़पों के बाद शुरू हुए बंगाल के राजनीतिक झगड़े के एक दिन बाद, मायावती ममता बनर्जी के समर्थन में सामने आईं। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन आज (गुरुवार) रात 10 बजे से सिर्फ इसलिए कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) की दिन में दो रैलियां हैं। जब उन्हें प्रतिबंध लगाना था, तो सुबह से क्यों नहीं? यह अनुचित है और चुनाव आयोग दबाव में काम कर रहा है।”
उन्होंने आगे दावा किया, “यह स्पष्ट है कि मोदी, अमित शाह और उनके नेता, ममता बनर्जी को निशाना बना रहे हैं। योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाया जा रहा है ... यह बेहद खतरनाक और अन्यायपूर्ण ढर्रा है, जो देश के प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता।”
अपना गुस्सा जाहिर करते हुए एन चंद्रबाबू ने ट्विटर पर लिखा:
It is disturbing to see prompt action by the ECI on the complaint by @BJP4India and @AmitShah in West Bengal, while conveniently ignoring the complaints of @AITCofficial.
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) May 15, 2019
समाजवादी पार्टी के प्रमुख ने ट्विटर पर अपनी चिंता व्यक्त की और चुनाव आयोग के फैसले को “चिंतनीय”करार दिया।
The EC's decision to call off campaigning in Bengal is against all norms of democratic fair play. I fully support @MamataOfficial ji in her fight to stop the undemocratic march of the two and a half men who have used and abused every institution of our country for their own gain.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 15, 2019
AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी चुनाव आयोग की खिंचाई की और कहा कि चुनाव प्रचार केवल पश्चिम बंगाल में ही छोटा क्यूँ किया गया? पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “केवल पश्चिम बंगाल ही क्यों, प्राकृतिक न्याय और समान अवसर के सिद्धांत की मांग है कि पूरे सातवें चरण के लिए ऐसा होना चाहिए, पश्चिम बंगाल ही क्यों, पूर्वी उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं।”
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “पश्चिम बंगाल पर चुनाव आयोग के आदेश में अनुच्छेद 14 और 21 के अंतर्गत जरूरी प्रक्रिया का अनुपालन नहीं हुआ है साथ ही आयोग ने सबको समान अवसर देने के संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन भी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यह संविधान के साथ किया अक्षम्य विश्वासघात है।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ममता बनर्जी को अपना समर्थन देते हुए कहा, “बंगाल के लोग हिंसा और अराजकता फैलाने वाले लोगों को करारा जवाब देंगे।”
सभी प्रतिष्ठित क्षेत्रीय नेताओं का समर्थन मिलने के बाद दीदी ने ट्विटर पर आभार व्यक्त किया और कहा, “भाजपा के निर्देशों के तहत चुनाव आयोग की 'पक्षपाती कार्रवाई' लोकतंत्र पर सीधा हमला है। लोग (बीजेपी को) जवाब देंगे।”
Thanks and gratitude to @Mayawati, @yadavakhilesh, @INCIndia, @ncbn and others for expressing solidarity and support to us and the people of #Bengal. EC's biased actions under the directions of the #BJP are a direct attack on democracy. People will give a befitting reply
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) May 16, 2019
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