ममता बनर्जी vs केंद्र: कोलकाता पुलिस कमिश्नर मामलें में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार सुबह CBI की याचिका पर करेगा सुनवाई 

Team Suno Neta Monday 4th of February 2019 02:37 PM
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ममता बनर्जी धरना मंच पर।

नई दिल्ली: CBI-कोलकाता पुलिस के बीच विवाद में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के समर्थन में कोलकाता में अपना धरना जारी रखा है। कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से जुड़े चिट फंड मामलों में जांच को लेकर लड़ाई सोमवार को कोर्ट में पहुंच गयी। CBI ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। कोर्ट में दायर मामलें में कुमार द्वारा पोंजी घोटाले से जुड़े सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगाया गया है।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खंडपीठ ने एक हलफनामे के माध्यम से CBI को सभी साक्ष्य पेश करने को कहा है। कोर्ट ने इसके बाद कहा कि अगर कुमार सबूतों को नष्ट करने की कोशिश करते हैं तो उन्हें यह बहुत भारी पड़ेगा, वह बहुत पछताएंगे।

इसी बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से उनके आवास पर पूछताछ के CBI के कदम के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने हालांकि तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया और मंगलवार को मामले को सूचीबद्ध किया है।

बनर्जी के समर्थन में देश भर के विपक्षी नेता उनके साथ हैं। कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी से लेकर PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती तक सभी नेताओं ने ‘दीदी’ के साथ एकजुटता व्यक्त की। हालांकि भाजपा ने कहा कि वह कांग्रेस ही थी जिसने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर चिट फंड घोटालों की जांच करने के लिए कहा था। धरने पर बैठी ममता बनर्जी ने कोलकाता पुलिस कर्मियों को पुरस्कार देने के लिए एक कार्यक्रम में भाग लिया। कोलकाता पुलिस के प्रमुख राजीव कुमार भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

भाजपा की बंगाल इकाई ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि TMC के गुंडों ने दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर में भाजपा पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ का एक वीडियो पोस्ट किया। ममता बनर्जी राज्य विधानसभा में भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। बंगाल भाजपा इकाई ने ट्वीट किया, “कानून और व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। TMC के शासन में कोई भी सुरक्षित नहीं है।”

बंगाल में व्याप्त संकट को हवा देने के लिए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह भाजपा नहीं बल्कि कांग्रेस ही थी जिसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चिट फंड घोटाले की जांच की मांग की थी। प्रसाद ने कहा कि राजीव कुमार के नेतृत्व में ममता सरकार ने 26 अप्रैल 2013 को पोंजी घोटालों की जांच की मांग की थी। कांग्रेस सरकार ने इस मामले को SC में स्थानांतरित किया था और पोंजी मामलों की जांच के लिए CBI को अनुमति दी थी।

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को ममता बनर्जी को फोन किया और समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बदले की भावना से विपक्ष के खिलाफ CBI जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। इससे पहले भी SP प्रमुख अखिलेश यादव और मायावती के साथ ऐसी ही घटना हुई थी। पश्चिम बंगाल में जो हो रहा है वह गलत है। हम ममता बनर्जी के विरोध का समर्थन करते हैं। केंद्रीय संस्थानों को बदनाम किया जा रहा है, यह हमारे देश के संघीय ढांचे पर धब्बा है। मुझे उम्मीद है कि SC एक सही रुख अपनाएगा और संस्थानों के दुरुपयोग को रोक देगा।"

मुख्यमंत्री ममता ने मेट्रो चैनल पर रविवार रात 8.30 बजे से धरने पर बैठी हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने “सत्याग्रह” को तब तक जारी रखेंगी जब तक कि देश और इसका संविधान “बचता” नहीं है। अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा, “हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन चाहते हैं। कृपया यहां कोई पुतला न जलाएं।” कार्यकर्त्ता उनके धरने के पास मोदी के खिलाफ नारे लगाए।

इस विवाद पर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, मुख्तार अब्बास नकवी और भूपेंद्र यादव सहित भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने रविवार शाम पश्चिम बंगाल सरकार के साथ CBI के प्रदर्शन पर चर्चा करने के लिए चुनाव आयोग से मुलाकात की। इंटेलिजेंस ब्यूरो के अतिरिक्त निदेशक मनोज लाल ने CBI और पुलिस कमिश्नर विवाद के मद्देनज़र पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात की।

कल पश्चिम बंगाल में शारदा चिट फंड मामले में CBI की कार्रवाई पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया: “सुप्रीम कोर्ट ने शारदा चिट फंड मामले में जांच के आदेश दिए थे। पुलिस कमिश्नर को कई बार तलब किया गया लेकिन वह हाजिर नहीं हुए।”


 
 

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