लोकसभा चुनाव के पहले चरण में उत्साहित दिखे वोटर, मतदान में हिंसा, EVM में गड़बड़ी की शिकायतें भी मिलीं  

Shruti Dixit  Thursday 11th of April 2019 07:11 PM
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नई दिल्ली देशभर में मतदान का पहला दिन उत्साह से लवरेज रहा। प्रमुख ज़िलों में मतदान के प्रतिशत से सियासी विश्लेषक तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में आठ संसदीय सीटों के लिए मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक हुआ। मेरठ लोकसभा सीट पर 63 प्रतिशत मतदान हुआ। ग्रामीण क्षेत्र में लोगों में ज्यादा उत्साह नजर आया, जिसमें सबसे ज्यादा किठौर विधानसभा में करीब 69 प्रतिशत वोटिंग हुई। कैंट विधानसभा में मतदान 60 प्रतिशत के आसपास रहा। वोटों का ध्रुवीकरण साफ नजर आया। बसपा प्रत्याशी के पक्ष में जहां मुस्लिम-अनुसूचित जाति के वोट एकजुट दिखे, तो बाकी हिंदू मत भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में एकजुट नजर आए। आमने सामने की टक्कर में मुकाबला कांटे का हो गया है। हालांकि कांग्रेस जरूर कुछ जगह भाजपा और गठबंधन के वोट काटती नजर आई। लोकसभा चुनाव 2014 में मतदान प्रतिशत 63.11 रहा था, जबकि 2009 में केवल 48.23 प्रतिशत मतदान हुआ था।

आज 17वीं लोकसभा के लिए पहले चरण की वोटिंग हुई. पहले चरण में 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों पर मतदान संपन्न हुआ. आज 91 सीटों के 14 करोड़ से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इनमें बिहार की 4 सीट, छत्तीसगढ़ की बस्तर सीट, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 सीट, ओडिशा की 4 सीट, असम की 5 सीट, जम्मू-कश्मीर की 2 जबकि महाराष्ट्र की 7 सीटों पर वोटिंग हुई। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के 2 सीटों पर भी वोट डाले गए। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना समेत 9 ऐसे राज्य जहां पहले चरण में ही चुनाव खत्म हो गया। अरुणाचल, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम, तेलंगाना, उत्तराखंड और लक्षदीप में सभी सीटों के प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई।

यूपी की बात करें तो मुजफ्फरनगर संसदीय क्षेत्र में सुबह सात बजे से मतदान शुरू हुआ। शाम छह बजे तक 63.69 प्रतिशत मतदान हुआ। जिले में 34 स्थानों पर ईवीएम नहीं चलने के कारण करीब 20-25 मिनट देरी से मतदान शुरू हुआ। इन स्थानों पर ईवीएम बदली गई। चरथावल के नंगला राई में एक युवक के भारत विरोधी नारे लगाने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। इस मामले में कार्रवाई नहीं करने को लेकर पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई।

चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पहले चरण का मतदान शांतिपूर्ण रहा। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग 18 अप्रैल को होगी। आयोग के मुताबिक में अंडमान और निकोबार में कुल 70.67 फीसदी मतदान हुआ। छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा सीट पर 56 फीसदी मतदान हुआ। तेलंगाना में 60 फीसदी मतदान, आंध्र प्रदेश में 66 फीसदी मतदान हुआ। चुनाव आयोग ने बताया कि उत्तराखंड की सभी 5 लोकसभा सीटों पर पहले चरण में वोटिंग हुई और शाम तक यहां 57.85 फीसदी वोटिंग हुई है। पिछली बार यहां 62.15 फीसदी वोटिंग हुई थी।

हिंसा और उपद्रव की भी आईं शिकायतें

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए गुरुवार को हुई वोटिंग के दौरान कुछ जगहों पर छिटपुट हिंसा की घटनाएं हुईं तो कुछ जगहों पर ईवीएम में गड़बड़ी की भी शिकायतें आईं। आंध्र प्रदेश में झड़प और महाराष्ट्र में आईईडी ब्लास्ट में 2 लोगों की मौत हो गई। कई जगहों पर तमाम वोटरों ने मतदाता सूची में अपना नाम नहीं होने की शिकायत की। कुछ जगहों पर हिंसा की घटनाएं हुईं। वहीं, टीडीपी के चन्द्रबाबू नायडू, AAP के अरविंद केजरीवाल और पीडीपी की महबूबा मुफ्ती जैसे तमाम दलों के नेताओं ने प्रशासनिक चूक की शिकायतें की हैं।

आंध्र प्रदेश में गुरुवार को सूबे की सभी 25 लोकसभा सीटों और विधानसभा की सभी 175 सीटों पर वोटिंग हुई। यहां अनंतपुरमु जिले की तडीपत्री विधानसभा क्षेत्र के एक गांव में टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में हुई हिंसक झड़प में दोनों ही दलों के एक-एक कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। अपने पार्टी कार्यकर्ता की हत्या की निंदा करते हुए टीडीपी चीफ नायडू ने वाईएसआर कांग्रेस पर चुनाव जीतने के लिए हिंसा का सहारा लेने का आरोप लगाया। दूसरी तरफ, वाईएसआर कांग्रेस ने नायडू के आरोपों को खारिज किया है। पार्टी का आरोप है कि स्थानीय टीडीपी एमपी और एमएलए जे. सी. ब्रदर्स (जे. सी. दिवाकर एमपी हैं और जे. सी. प्रभाकर रेड्डी एमएलए) के समर्थकों ने वीरापुरम गांव स्थित पोलिंग बूथ पर वोटिंग में धांधली और गड़बड़ी की कोशिश की। राज्य के कुछ और हिस्सों में भी दोनों दलों के बीच झड़प हुई। इस दौरान पथराव और तोड़फोड़ की भी घटनाएं हुईं।


 
 

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