विशाखापट्टनम में विषाक्त गैस रिसाव से 11 की मौत, 1,000 से अधिक बीमार 

Team Suno Neta Thursday 7th of May 2020 11:03 PM
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विशाखापट्टनम के एलजी पॉलीमर्स प्लांट से ज़हरीला गैस निकलते देखा जा रहा है।

नई दिल्ली: गुरुवार तड़के एलजी पॉलीमर्स के विशाखापट्टनम प्लांट में स्टाइरीन गैस के रिसाव के कारण दो बच्चों सहित कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई है और एक हजार से अधिक लोग बीमार हो गए हैं। रिपोर्टों के अनुसार प्लांट के तीन किलोमीटर के दायरे में स्थित पांच गाँवों में गैस फैल गई।

सांस लेने में कठिनाई और आंखों और गले में जलन की शिकायत के बाद सैकड़ों लोगों को इलाज के लिए शहर के विभिन्न हिस्सों में अस्पतालों में ले जाया गया।

सबसे ज्यादा प्रभावित आर आर वेंकटपुरम इलाका हुआ जहाँ यह प्लांट स्थित है। सभी मृतक उस क्षेत्र के निवासी थे जो विशाखापट्टनम शहर के नायडू थोटा उपनगर में है।

मृतकों की पहचान हो गई है जिसमे ए चंद्रमौली, 19 वर्ष; अप्पला नरसम्मा, 45; बी नारायणम्मा, 35; च गंगा राजू, 48; कुंदन श्रेया, 6; मीका कृष्ण मूर्ति, 72; एन ग्रीष्मा, 9; एन नानी, 40; पी संकारा राव, 40; पी वरलक्ष्मी, 38; और वी नुक्कराजू, 60, शामिल है।

विशेषज्ञों ने प्रभावित क्षेत्र से लोगों को तत्काल बाहर निकालने की सलाह दी है क्योंकि स्टाइरीन एक अत्यधिक जहरीला रसायन है और गैस को स्वास से अंदर लेने से या इसके संपर्क में आने से गंभीर निकट और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। नई दिल्ली में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की महानिदेशक सुनीता नारायण ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर यह हवा में ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करता है और स्टाइरीन डाइऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है या अधिक खतरनाक हो जाता है।

स्टाइरीन का उपयोग प्लास्टिक और रबर पैकेजिंग सामग्री, बिजली के तारों और उपकरणों के लिए इन्सुलेशन, घरों और अन्य इमारतों के लिए इन्सुलेशन, प्लास्टिक पाइप, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, पीने के कप, प्लेट, खाद्य पैकेज, आदि, के लिए किया जाता है।

करोनोवायरस महामारी के कारण लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन (तालाबंदी) के बाद जिस दो टैंक से जहरीली गैस लीक हुई है, उनको बिना रखरखाव के छोड़ दिया गया था। यह माना जा रहा है कि टैंकों के अंदर एक रासायनिक प्रतिक्रिया ने तीव्र गर्मी का उत्पादन किया जो अंदर से टैंकों में बाहर की ओर दबाव काफी बढ़ा दिया, जिसके परिणामस्वरूप रिसाव हुआ।

पुलिस ने कहा कि प्लांट के प्रबंधन के ऊपर ग़ैरइरादतन हत्या और लापरवाही के कारन मृत्यु कराने का मामला दर्ज किया है।

आंध्र प्रदेश के उद्योग मंत्री एम गौथम रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकार लीक हुए गैस में जहरीले रसायनों को बेअसर करने के लिए 500 किलोग्राम अवरोधकों का हवाईजहाज़ से मंगवाया है।

इस घटना ने 1984 की भोपाल गैस त्रासदी की यादों को वापस ला दिया जिसमें लगभग 4,000 लोगों की तत्काल मौत हो गयी थी। बाद के महीनों और वर्षो में इसके संपर्क में आने के कारण कई हज़ार मारे गए या स्वास्थ्य जटिलताओं से आजीवन भुगते। यहां तक कि महिलाएं, जो इस गैस के संपर्क में आए  थे, वे विकृतियों के साथ बच्चो को जन्म दिया।

गुरुवार के विशाखापट्टनम गैस रिसाव के सटीक कारण का पता लगाने के लिए एक जांच जारी है।


 
 

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