उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश से जल्दी रिहा हुआ भीम सेना प्रमुख चंद्रशेखर ‘रावण’ 

Team Suno Neta Thursday 13th of September 2018 11:39 PM
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चंद्रशेखर ‘रावण’

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को भीम सेना प्रमुख चंद्रशेखर उर्फ़ रावण की रिहाई का आदेश दिया जिसे 2017 में सहारनपुर जाति हिंसा के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के आरोपों में जेल भेजा गया था।

30 वर्षीय चंद्रशेखर, जिसे रावण के नाम से भी जाना जाता है, मई 5, 2017 को हुए जातिए मुठभेड़ के मामले में गिरफ़्तार किया गया था। उस मुठभेड़ में सहारनपुर के शबीरपुर गांव में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 16 अन्य घायल हो गए थे।

नवंबर 2, 2017 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चंद्रशेखर की जमानत की अर्जी को मंजूरी दे दी थी। परन्तु उनकी रिहाई से एक दिन पहले ही उनके ऊपर NSA की धाराएं लगाई गई थी जिसके कारण उनकी रिहाई को रोक दिया गया था। NSA के तहत उन्हें कम से कम नवंबर 1 तक हवालात में रहना था।

उत्तर प्रदेश गृह विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया की चंद्रशेखर की मां के प्रतिनिधित्व के कारण उसे जल्द रिहा करने का फैसला किया गया है। वरना उन्हें नवंबर 1 तक जेल में रहना था। NSA की धाराएं चंद्रशेखर और पांच अन्य लोगों के खिलाफ लगाई गई थी। चंद्रशेखर और उनके दो साथी – सोनू और शिव कुमार – को छोड़  बाकि तीन आरोपियों को पहले ही रिहा कर दिया गया था। सोनू और शिव कुमार अभी भी जेल में हैं।

गृह विभाग के प्रवक्ता ने आगे कहा की सोनू और शिव कुमार को भी जिला मैजिस्ट्रेट के आदेश पर जल्दी ही रिहा कर दिया जाएगा।

सहारनपुर का हिंसा चक्र 5 मई को शुरू हुआ था, जब एक आदमी की मौत हो गयी थी और कई लोग घायल हो गए थे और शबीरपुर गांव के लगभग 25 घरों को अंतर जातिए संघर्ष के कारण जलनि पड़ी थी। तब से जिला में तनाव और हिंसा बार-बार होते रहे हैं। 5 मई की हिंसा के बाद, 9 मई को हुए मुठभेड़ के एक और दौर के परिणामस्वरूप एक दर्जन पुलिस वाहनों को आग में फूंक दिया गया था जबकि 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। चंद्रशेखर तब से भागा हुआ था और उसके सर पर ₹12,000 का इनाम था। जून 2017 को उसे हिमाचल प्रदेश से गिरफ़्तार किया गया था।

23 मई को एक अन्य व्यक्ति को गोली मार दी गई थी और दो अन्य घायल हो गए थे, जिसके बाद सरकार ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिला मजिस्ट्रेट को निलंबित कर दिया था और विभागीय आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक का ट्रांसफर कर दिया गया था।

चद्रशेखर शबीरपुर गांव के बगल के छुतमलपुर गांव का निवासी हैं जो हाल ही में हुए परेशानियों का केंद्र बिंदु था।

हालांकि भीम सेना का लक्ष्य सहारनपुर के भादो गांव में दो साल पहले खुले स्कूल में गरीब बच्चों को मुफ़्त में शिक्षा देना था, परन्तु यह खबर चर्चा में तब आई जब स्कूल में दी जा रही मुफ़्त शिक्षा ऊपरी जाति के लोगों के नज़र में आया जिसके बाद राजपूतों के द्वारा उनकी अम्बेडकर जयंती जुलूस को रोक दिया गया था।

चंद्रशेखर की क्षमता तब सब के सामने आयी जब हज़ारों की संख्या में दलितों ने नई दिल्ली के जंतर मंतर में दलितों के ऊपर पुलिस कार्रवाई और ऊपरी जातियों के अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तथा दलितों अधिकारों के मांग करने के लिए एक जुट हुए थे।

चंद्रशेखर के नेतृत्व में भीम सेना के अचानक उदय और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलितों को संगठित करने में सफल होने के बाद बहुजन समाज पार्टी के सर्वोच्च नेता मायावती को चिंतित कर दिया था।


 

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