राफेल डील पर लिखी किताब को चुनाव आयोग ने जब्त किया, फिर लौटाई कॉपियां
नई दिल्ली चुनाव आयोग के एक उड़न दस्ते ने मंगलवार को चेन्नै की एक बुक शॉप पर छापा मारा और राफेल मामले पर लिखी किताब की कॉपियां जब्त कर लीं। यह छापेमारी किताब के लॉन्च होने से कुछ ही देर पहले ही की गई। अधिकारियों ने बताया कि Rafale: The Scam That Shook the Nation शीर्षक नाम से किताब 11 अप्रैल से शुरू होने वाले लोकसभा चुनाव के बीच चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इंजीनियर एस विजयन द्वारा लिखी गई इस किताब की करीब 150 प्रतियां बुक शॉप और पब्लिशिंग हाउस भारती पुथकाल्यम से चुनाव आयोग के अधिकारी जब्त कर ले गए थे। यह प्रकाशन हाउस सीपीएम से जुड़ा हुआ है। एक सामान्य पेपर पर जिस पर कोई आधिकारिक मुहर नहीं है में प्रकाशक को निर्देश दिए गए हैं कि वह किताब की लॉन्चिंग रद्द कर दें। अधिकारियों के मुताबिक, अगर किसी किताब में संवेदनशील जानकारियां हैं तो इसका विमोचन करना नियमों के खिलाफ है। इसके संपादक पीके राजन ने कहा कि किताब में पब्लिक डोमेन में मौजूद जानकारियां ही शामिल हैं। हमने पहले भी चुनाव को लेकर कई किताबें छापी हैं। पता नहीं इस बार क्यों आयोग और सरकार को आपत्ति है। उधर, भाजपा ने गुजरात में मेहसाणा से शारदा बेन पटेल, सूरत से दर्शना जरदोश और केरल के त्रिशूर से सुरेश गोपी को उम्मीदवार बनाया।
सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें वायरल होने के बाद ही तमिलनाडु के मुख्य चुनाव अधिकारी ने सफाई देते हुए कहा कि किताब जब्त करने से संबंधित न तो चुनाव आयोग ने न ही सीईओ ऑफिस ने किसी तरह के निर्देश दिए थे। वह बोले कि मैंने चेन्नई के जिला चुनाव अधिकारी को इस मामले में देखने और जल्द रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। वहां से जब्त की गई किताबों को बाद में लौटा दिया गया और इसके बाद शाम में किताब की लॉन्चिंग की गई।
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने लड़ाकू विमान राफेल की खरीद मामले में हुई कथित गड़बड़ी के मुद्दे पर लिखित एक किताब के विमोचन को रोकने के लिये चुनाव आयोग की कथित कार्रवाई का हवाला देते हुए कहा है कि सरकार राफेल मामले पर बात करने से भी डरती है। येचुरी ने मंगलवार को राफेल पर प्रकाशित पुस्तक के चेन्नई में होने वाले विमोचन कार्यक्रम पर चुनाव आयोग द्वारा कथित तौर पर रोक लगाने की कार्रवाई का हवाला देते हुये कहा कि इससे साफ है कि राफेल पर बात करने से भी कौन डरता है। भारती प्रकाशन के संपादक पीके राजन चुनाव आयोग की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि कहा पता नहीं किताब पर क्यों बैन लगा है? किताब में जो बातें लिखी हैं वह पब्लिक डॉमेन में मौजूद है। हमने चुनाव पर कई किताबें प्रकाशित की हैं। आज अचानक चुनाव आयोग और सरकार को क्या आपत्ति हो गई? हम अपनी किताब अपनी दुकान पर भी नहीं बेच सकते है।
Election Commission squad seizes copies of book on ‘Rafale scam’, later returns them
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