यौन उत्पीड़न की शिकायत के बाद देखेंगे साजिश हुई या नहीं: जस्टिस पटनायक 

Shruti Dixit  Saturday 27th of April 2019 09:34 PM
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सीजेआई रंजन गोगोई

नई दिल्ली चीफ जस्टिस (सीजेआई) रंजन गोगोई पर यौन शोषण के मामले की जांच करने वाले पैनल से जस्टिस एनवी रमना ने खुद को अलग कर लिया है। उनकी जगह जस्टिस इंदू मल्होत्रा को इस पैनल में शामिल किया गया है। गुरुवार को इस केस से जुड़े ‘बेंच फिक्सिंग’ मामले में स्पेशल बेंच ने एक अहम निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि इसकी जांच रिटायर्ड जस्टिस एके पटनायक की अगुआई में की जाएगी। उन्होंने कहा कि साजिश हुई या नहीं, इसकी जांच यौन उत्पीड़न की शिकायत के निपटारे के बाद होगी। कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर और आईबी चीफ को जस्टिस पटनायक का सहयोग करने का भी निर्देश दिया है। स्पेशल बेंच वकील उत्सव बैंस के दावे की सुनवाई कर रही है। बैंस का कहना है कि सीजेआई के खिलाफ साजिश के तहत आरोप लगाए गए हैं। इसमें एक बड़ा कॉरपोरेट हाउस शामिल है।

बता दें कि 69 वर्षीय अनंग कुमार पटनायक सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज हैं। पटनायक 2009 से लेकर 2014 तक सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं। 17 नवंबर, 2009 से 2 जून, 2014 तक सुप्रीम कोर्ट के जज बने रहने के बाद एके पटनायक के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमिटी के चेयरमैन पद के लिए नॉमिनेट किया गया था।

जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता में केस की सुनवाई कर रही तीन जजों की स्पेशल बेंच के सामने बैंस ने गुरुवार को दूसरा हलफनामा पेश किया। इसे देखने के बाद अदालत ने सख्त लहजे में कहा कि हम हमेशा सुनते हैं कि कोर्ट में ‘बेंच फिक्सिंग’ हो रही है। यह हर हाल में बंद होनी चाहिए। पिछले 3-4 साल से जिस तरह से आरोप लगाए जा रहे हैं उससे तो यह संस्था खत्म हो जाएगी। अमीर और शक्तिशाली लोग सोचते हैं कि वे रिमोट कंट्रोल से कोर्ट चलाएंगे। वे आग से खेल रहे हैं। हम फिक्सिंग की साजिश रचने वालों को जेल भेजेंगे। सुप्रीम कोर्ट के 4-5% वकील महान संस्था का नाम खराब कर रहे हैं। ‘बेंच फिक्सिंग’ का मामला गंभीर है और इसकी जांच होगी।


 
 

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