विजय माल्या का लंदन में बयान, कहा देश छोड़ने से पहले अरुण जेटली से मिला
नई दिल्ली: किंगफ़िशर के मालिक और भगोड़े व्यापारी विजय माल्या ने अपने ऊपर लगाए आरोपों को बेतुका बताते हुए बुधवार को लंदन में एक कोर्ट के बाहर कहा कि वह देश छोड़ने से पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली से मिलकर आए थे। माल्या ने लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट के बाहर यह कहते हुए दावा किया: “मैं देश छोड़ने से पहले अपने मामला सुलझाने के लिए वित्तमंत्री (अरुण जेटली) से मिलकर आया था।”
खबरों के अनुसार माल्या ने बैंको के करीब 9 हज़ार करोड़ रुपए लेकर फरार हुए थे। इसी आरोप पर मुक़दमा के लिए उनके इंग्लैंड से भारत में प्रत्यर्पण के लिए लंदन के उस कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई थी। माल्या ने कहा कि बैंक के अधिकारियों के ईमेल से यह बात साबित होती है कि सारे अधिकारी किंगफ़िशर के हुए घाटे से वाकिफ थे। उन्होंने कहा: “मैं बैंक का बकाया कर्ज चुकाने के लिए तैयार था लेकिन बैंको ने मेरे सेटलमेंट पर सवाल खड़े कर दिए था।”
माल्या के प्रत्यपर्ण के मामले की अगली सुनवाई 18 सितम्बर को होगी।
माल्या के बयान को जेटली ने गलत बताया है। उन्होंने फेसबुक पर लेख पोस्ट करते हुए कहा: “विजय माल्या का बयान बिलकुल गलत है मैंने उससे 2014 के बाद मिलने का समय ही नहीं दिया तो मुलाकात का तो सवाल ही नहीं उठता है।”
गौरतलब है की माल्या के इस बयान के बाद कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए कहा कि सरकार को बताना होगा कि विजय माल्या को भारत से कैसे जाने दिया गया। भाजपा सरकार के वित्तमंत्री को माल्या से मुलाकातों का विवरण देना होगा।
इस मामले में विवाद खड़ा होता देख और जेटली के फेसबुक पोस्ट में अपना वक्तव्य रखने के बाद माल्या ने अपने बयान को बदलते हुए कहा: “मैंने जेटली से मिलने की कोशिश की थी और उन्हें बताया भी था कि मैं लंदन जा रहा हूँ। मैंने वित्तमंत्री से बकाया ऋण के निपटारे की बात की थी परन्तु उनके साथ मेरी कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई थी।”
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