देशभर में श्रमिक संगठन दो दिवसीय हड़ताल पर, कई जगह प्रदर्शन और झड़प
नई दिल्ली: मंगलवार से श्रमिक संगठनों ने दो दिन की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। श्रमिकों ने केंद्र सरकार की श्रम नीतियों के विरोध में दो दिवसीय हड़ताल शुरू की है। देश के कई राज्यों में मजदूर संगठनों ने प्रदर्शन किया और कामकाज को प्रभावित किया । श्रमिक संघों के हिसाब से 20 करोड़ कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हुए हैं। AITUC, CITU, HMS, AIUTUC, TUCC, AICCTU जैसे 10 केंद्रीय श्रमिक संगठन इसे अपना समर्थन दे रहे हैं।
हड़ताल की वजह से देश मे कई जगहों पर झड़प की भी खबरें सामने आई हैं। राजधानी दिल्ली में समर्थकों ने पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया में प्रदर्शन किया।
Delhi: All India Central Council of Trade Unions (AICCTU) members hold protest in Patparganj industrial area against privatisation of public and government sector and demanding minimum wages, social security among others pic.twitter.com/jbfilCAwYN
— ANI (@ANI) January 8, 2019
पश्चिम बंगाल के आसनसोल में TMC और CPM के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। कोलकाता सहित कई राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले फूंके गए और टायर जलाए गए। TMC के कार्यकर्ताओं ने हड़ताल कर रहे समर्थकों को रोकने की कोशिश की जिसके कारण TMC कार्यकर्ताओं और हड़ताल समर्थकों के बीच झड़प भी हुई। हड़ताल की वजह से कोलकाता मे बसें और अन्य वाहन सड़कों पर चलते तो दिखे लेकिन यात्रियों की संख्या अन्य दिनों की तुलना में बहुत कम दिखी। प्रदर्शनकारियों ने बस में तोड़फोड़ की और राज्य के कुछ इलाकों में पुलिस और हड़ताल समर्थकों के बीच हाथापाई भी हुई। दक्षिण कोलकाता में वरिष्ठ CPM नेता सुजान चक्रवर्ती और कई हड़ताल समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया। प्रदर्शनकारी ट्रेनों को रोकने के लिए पटरियों पर भी बैठ गए और टायर जलाए।
West Bengal: Clash between TMC and CPM workers in Asansol during 48-hour nationwide strike called by Central Trade Unions demanding minimum wages, social security schemes & against privatisation of public and government sector. pic.twitter.com/5oM6TWxnx7
— ANI (@ANI) January 8, 2019
केरल में भी केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। हड़ताल के दौरान तिरुवनंतपुरम और शोरनुर स्टेशनों पर ट्रेनों को रोका गया। बसें और ऑटो सड़कों पर से नदारद रहने के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। राज्य में कई स्थानों पर दुकानें खुली भी रहीं।
#Kerala: 48-hour nationwide strike called by Central Trade Unions demanding minimum wages, social security schemes & against privatisation of public and government sector; Visuals from Kochi (pic1&2) and Trivandrum (pic 3) pic.twitter.com/cuKkicTzJW
— ANI (@ANI) January 8, 2019
ओडिशा में भी हड़ताल का प्रभाव दिखा। राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में हड़ताल की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग 16 पर ट्रैफिक प्रभावित रहा।
Odisha: Traffic movement affected on National Highway 16 due to protest by Central Trade Unions in Bhubaneswar. Their demands include minimum wages and social security among others., pic.twitter.com/chGKdZk3x3
— ANI (@ANI) January 8, 2019
कर्नाटक में भी राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) की बसें अधिकतर स्थानों पर सड़कों से नदारद रही। जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। काफी जगह हड़ताल का मिलाजुला असर रहा। परीक्षाएं रद्द कर दी गईं।
#Karnataka: 48-hour nationwide strike called by Central Trade Unions demanding minimum wages, social security schemes & against privatisation of public and government sector; Visuals from Hubli pic.twitter.com/Gr6so1MwTJ
— ANI (@ANI) January 8, 2019
अधिकतर लोगों को हड़ताल की जानकारी थी इसलिए उन्होंने अन्य साधनों का इंतजाम कर लिया। होटल, दुकानें और मॉल तथा सिनेमा भी हड़ताल का हिस्सा रहे और मालिकों ने समर्थन में इन्हें बंद रखा।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की महासचिव अमरजीत कौर ने कहा कि असम, मेघालय, कर्नाटक, मणिपुर, बिहार, राजस्थान, पंजाब, गोवा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और हरियाणा के औद्योगिक क्षेत्रों में हड़ताल का पूरा असर दिख रहा है। उन्होंने कहा कि हड़ताल को राज्यों के ट्रांसपोर्ट विभाग, टैक्सी चालक और JNU के छात्र भी अपना समर्थन दे रहे हैं। देश के करीब 20 करोड़ लोग केंद्र की नीतियों के खिलाफ हड़ताल को अपना समर्थन दे रहे हैं।
केंद्रीय श्रमिक संगठन न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं लागू करने की मांग कर रहे हैं। संगठन सार्वजनिक और सरकारी क्षेत्र में निजीकरण का भी विरोध कर रहे हैं।
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