असम में सेना के सेवानिवृत सूबेदार को ‘विदेशी’ घोषित कर डिटेंशन कैम्प भेजा
नई दिल्ली: असम में सेना के एक सेवानिवृत्त सूबेदार को विदेशी ठहराकर डिटेंशन कैम्प में भेज दिया गया। बोको की ट्रिब्यूनल ने मोहम्मद सनाउल्लाह को विदेशी घोषित करने का आदेश दिया। इसके बाद मंगलवार को पुलिस ने उन्हें उनके घर से हिरासत में ले लिया और फिर उन्हें डिटेंशन कैम्प भेज दिया।
अगस्त 2017 में मोहम्मद सनाउल्लाह भारतीय सेना के इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर्स कोर के सूबेदार के रूप में सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने एफटी में अपनी गवाही में कहा कि वे जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 30 वर्षों तक सेवा करी है।
मोहम्मद सनाउल्लाह ने बताया कि उन्होंने सेना में शामिल होकर तीस साल (1987-2017) तक इलेक्ट्रोनिक एंड मैकेनिकल इंजीनियर विभाग में सेवाएं दी हैं और उन्हें 2014 में राष्ट्रपति की तरफ से पदक भी मिल चुका है। वह बीते साल से सीमा पुलिस में बतौर सहायक उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत है।
सनाउल्लाह के परिवारवालों ने बताया कि वह न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ गुवाहाटी हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
उन्हें इस वर्ष 23 मई को एफटी नंबर 2 कामरूप (ग्रामीण) द्वारा विदेशी घोषित किया गया था। उनके परिवार के सदस्य और वकील बताते हैं कि सनाउल्लाह की भारतीय नागरिकता उनके पूर्वजों के दस्तावेजों और भारतीय सेना के साथ उनके रोज़गार से आसानी से साबित की जा सकती है। सनाउल्ला वर्तमान में असम पुलिस की सीमा विंग के साथ एक उप-निरीक्षक के रूप में काम करता है - एक विशेष विंग जो राज्य में अवैध प्रवासियों का पता लगाने से संबंधित है।
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