अगुस्टा वेस्टलैंड घोटाले का बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल भारत लाया गया, पूछताछ शुरू
नई दिल्ली: संयुक्त अरब अमीरात द्वारा प्रत्यर्पण के बाद मंगलवार की देर रात क्रिश्चियन मिशेल, जो 3,600 करोड़ रुपये के अगुस्टा वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे बिचौलिया है, को भारत लाया गया।
मिशेल ने दुबई की अदालत में दलील दी थी कि भारत में उसके साथ “अमानवीय व्यवहार” हो सकता है और किसी पार्टी से उसके सम्बन्ध को कबूल करने के लिए उस पर दबाव डाला जा सकता है, लेकिन दुबई की अदालत ने इस दलील को ठुकरा दिया जिससे उसको भारत लाने का रास्ता साफ़ हुआ उसे कल प्राइवेट प्लेन से दुबई से भारत लाया गया।
राजनीतिक पंडितों का कहना है क़ि इससे भारतीय राजनीति में भूचाल आ सकता है और कयास लगाए जा रहें है की मिशेल घोटाले में शामिल उन नेताओं का नाम ले सकता है जिन्होंने उस समय रिश्वत ली थी इसको लेकर कांग्रेस आरोप लगा चुकी है कि केंद्र सरकार सोनिया गांधी को आरोपी बनाने के लिए मिशेल पर दबाव डाल सकती है।
ज्ञात हो साल 2007 में UPA सरकार के समय यह सौदा हुआ था। लेकिन 6 साल बाद रिश्वत के आरोप लगने के बाद यह सौदा रद्द कर दिया गया था। अगुस्टा-वेस्टलैंड कंपनी फिनमैकिना पर इटली में भी रिश्वत के आरोप लग चुके हैं. साल 2016 में इसी मामले में वायुसेना के पूर्व चीफ एसपी त्यागी को गिरफ्तार किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने (ED) जून 2016 में मिशेल के खिलाफ आरोप-पत्र दायर कर आरोप लगाया था कि उसने अगस्ता वेस्टलैंड से करीब 225 करोड़ रुपये प्राप्त किए।
ED ने कहा था कि यह पैसा कंपनी द्वारा 12 हेलीकॉप्टरों के समझौते को अपने पक्ष में कराने के लिए “लेन-देन” के नाम पर दी गई “रिश्वत” थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और ED द्वारा जांच किए जा रहे मामलों में ग्यूडो हैशकेऔर कार्लो गेरोसा के अलावा मिशेल तीसरा कथित बिचौलिया है। अदालत द्वारा उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के बाद दोनों जांच एजेंसियों ने उसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया था।
अब उससे पूछताछ करने के पटियाला कोर्ट में पेश किया जायेगा।
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