एन राम के नए खुलासे के मुताबिक वर्तमान राफेल सौदा UPA की तुलना में ‘बेहतर शर्तों’ पर नहीं हुआ है  

Team Suno Neta Wednesday 13th of February 2019 12:03 PM
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फ्रांसीसी वायुसेना का एक राफेल विमान 

नई दिल्ली: हिन्दू के एन राम ने राफेल विमान सौदे पर एक नया खुलासा किया है। हिन्दू में छपी उनकी रिपोर्ट के अनुसार राफेल सौदा UPA सरकार की तुलना में NDA सरकार में ‘बेहतर शर्तों’ पर नहीं हुआ है। राम की रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय के तीन वरिष्ठ अधिकारी, जो सात-सदस्यीय भारतीय वार्ता टीम (INT) के डोमेन विशेषज्ञ थे, एक अच्छी तरह से पुष्ट और स्पष्ट निष्कर्ष पर पहुंचे कि नरेंद्र मोदी सरकार का 36 फ्लाईअवे विमानों का नया राफेल सौदा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार की तुलना में 126 विमानों की खरीद प्रक्रिया के दौरान दासौ एविएशन द्वारा की गई पेशकश पर ‘बेहतर शर्तों’ पर नहीं हुआ था। तीनों वरिष्ठ अधिकारियों ने यह भी निष्कर्ष निकाला कि नए सौदे में 18 की डिलीवरी का शेड्यूल मूल खरीद प्रक्रिया में 18 फ्लाईवे एयरक्राफ्ट के लिए दिए गए प्रस्ताव की तुलना में कम था।

ये निष्कर्ष  सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पेश किए आधिकारिक दस्तावेज में एक सस्ते सौदे और लड़ाकू विमान की तेज डिलीवरी के भारत सरकार द्वारा किए गए दोनो दावों के बिलकुल विपरीत हैं। इसके अलावा तीनों अधिकारियों ने एक संप्रभु या सरकारी गारंटी या बैंक गारंटी, IGA से संबंधित कानूनी मुद्दों, ऑफसेट मुद्दों और दासौ एविएशन के प्रतिबंधात्मक व्यापार प्रथाओं के ख़त्म करने पर और भारत सरकार द्वारा अनुमोदित ‘लेटर ऑफ कम्फर्ट’ पर गंभीर चिंता दर्ज की। 

हिंदू रिपोर्ट के अनुसार नोट को तीन अधिकारियों द्वारा INT की बातचीत के एक महीने से अधिक समय तक लिखा गया था और तीन महीने पहले अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।नोट में लिखा है: “28-08-2015 और 01-09-2015 को आयोजित डैक की बैठक के अनुसार, IGA में मसौदे में शामिल डिलीवरी शेड्यूल T0+60 महीने से T0+60 महीने का है, लेकिन डिलीवरी का शेड्यूल आखिरकार फ्रांस ने T0+36 महीने से T0+67 महीने का पेश किया है।”

नए राफेल सौदे की € 7.87 बिलियन लागत पर टिप्पणी करते हुए डोमेन विशेषज्ञों ने कहा कि फ्रांसीसी सरकार द्वारा बतायी गयी कीमत की सत्यता स्थापित नहीं है। यहां तक कि फ्रांसीसी सरकार द्वारा दी जाने वाली अंतिम कीमत को MMRCA [मध्यम मल्टी-रोल कॉम्बेट एयरक्राफ्ट] ऑफ़र की तुलना में ‘बेहतर शर्तों’ के रूप में नहीं माना जा सकता है।

विवादास्पद राफेल सौदे में एन राम द्वारा यह चौथा खुलासा है। हाल में उन्होंने राफेल सौदे से सम्बंधित राम ने अपने तीसरे खुलासे में बताया था कि मोदी सरकार ने भ्रस्टाचार विरोधी दंड के प्रावधानों को हटा दिया था। इससे पहले जनवरी में अपने पहले खुलासे में एन राम ने बताया था कि भारतीय वायु सेना द्वारा 126 के बजाय 36 राफेल लड़ाकू जेट खरीदने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल्दबाजी के फैसले ने प्रत्येक विमान की कीमत 41.42 प्रतिशत बढ़ा दी है।

हाल ही में एन राम ने राफेल सौदे पर अपनी दूसरी रिपोर्ट में उजागर किया था कि PMO ने फ्रांसीसी टीम के साथ समानांतर वार्ता की और फ्रांस सरकार से इस डील के अगर गलत होने पर संप्रभु गारंटी लेने के बजाय ‘लेटर ऑफ़ कम्फर्ट’ के लिए समझौता किया। रक्षा मंत्रालय और भारतीय वार्ता टीम ने PMO के फैसले पर तब आपत्ति जताई थी। सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में राफेल सौदे से सम्बंधित जमा की गयी प्रस्तुति में भ्रष्टाचार विरोधी दंड के प्रावधान के हटाने और PMO द्वारा की गई समानांतर बातचीत का कोई जिक्र नहीं था।


 

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