पायल तड़वी आत्महत्या मामले में तीनों आरोपी गिरफ़्तार, पति ने जताया हत्या की आशंका 

Amit Raj  Wednesday 29th of May 2019 10:04 AM
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पायल तड़वी

नई दिल्ली: मुंबई में डॉक्टर पायल तड़वी सुसाइड केस में तीनों आरोपी महिला चिकित्सकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों में अंकिता लोखंडवाला, हेमा आहुजा और भक्ति मेहर शामिल है। आरोपियों पर यह इलज़ाम हैं की वे पायल पर जातिगत टिप्पणी करके उनको अपमानींत करते थे।

भक्ति मेहर को मुंबई सेशन कोर्ट से मंगलवार शाम में गिरफ्तार किया गया। वहीं हेमा आहुजा को मंगलवार रात गिरफ्तार किया गया। जबकि अंकिता खंडेलवाल को मुंबई पुलिस ने बुधवार सुबह गिरफ्तार कर लिया है।

क्या है मामला?

दरअसल मुंबई के नायर अस्पताल में 23 वर्षीय महिला रेजिडेंट डॉक्टर ने गत 22 मई को रैगिंग से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी। मुंबई पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इस मेडिकल छात्रा को 3 सीनियर महिला डॉक्टर ही रैगिंग के नाम पर प्रताड़ित करती थी। पुलिस ने इन तीनों डॉक्टरों के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया है।

छात्रा के परिजनों का आरोप है उसके साथ रहने वाली सीनियर उसपर जातिगत टिप्पणी कर प्रताड़ित करती थी। इसी से परेशान होकर उनकी बेटी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मुंबई के अगरीपाड़ा के एसीपी दीपक कुंडल ने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टर अस्पताल से घर लौटी थी और फिर उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

तड़वी की मौत को लेकर वंचित बहुजन अगाड़ी और अन्य दलित व आदिवासी संगठनों से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने नायर अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

पायल की माँ आबिदा ने कहा कि सरकार उनकी बेटी की तरह ही अन्य छात्राओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेगी जो उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पायल उनके समुदाय की पहली महिला एमडी डॉक्टर होती। उन्होंने कहा, “पायल तुच्छ मुद्दों को लेकर अपने वरिष्ठ डॉक्टरों की प्रताड़ना के बारे में मुझे बताती थी। उन्होंने मरीजों के सामने उसके चेहरे पर फाइलें फेंककर मारीं।”  आबिदा ने कहा, “पायल मुझसे वरिष्ठ डॉक्टरों की प्रताड़ना के बावजूद उनके खिलाफ लिखित शिकायत न देने के लिए कहती थी। वह कहती थी कि ऐसा करने से उनके करियर पर खराब असर पड़ेगा।”

पायल के पति और पेशे से डॉक्टर सलमान ने कहा कि यह संभव है कि तीन महिला डॉक्टरों ने पायल की हत्या की। प्रदर्शनकारियों और तड़वी के परिजनों के साथ अपनी एकजुटता दिखाते हुए भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि अगर “हमारी छोटी बहन के लिए न्याय की लड़ाई में” जरूरत हुई तो वह भी महाराष्ट्र का दौरा करेंगे। महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया और अस्पताल के अधिकारियों को नोटिस जारी कर आठ दिन के अंदर यह बताने को कहा है कि उन्होंने रैगिंग विरोधी कानून को लागू करने के लिए क्या कदम उठाए।

वहीं तड़वी को खुदकुशी के लिए उकसाने की आरोपी तीन महिला चिकित्सकों ने मामले में “निष्पक्ष जांच” की मांग की है।

महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (MARD) को लिखे एक खत में अंकिता खंडेलवाल, हेमा आहूजा और भक्ति मेहर ने कहा कि वे चाहती हैं कि कॉलेज इस मामले में निष्पक्ष जांच करें और उन्हें न्याय दे। तीनों चिकित्सकों ने पत्र में कहा, “पुलिस बल और मीडिया के दबाव में जांच करने का यह तरीका नहीं है। इसमें हमारा पक्ष नहीं सुना जा रहा।”

फिलहाल एमएआरडी ने तीनों डॉक्टरों को निलंबित कर दिया है। एमएआरडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारे पास पुख्ता जानकारी है कि तीनों चिकित्सकों ने डॉ पायल तड़वी के खिलाफ जातिगत टिप्पणियां कीं। हम इस मामले में आगे की जांच के लिए पुलिस का सहयोग करेंगे।

तीनों डॉक्टरों पर आईपीसी के अत्याचार अधिनियम, एंटी-रैगिंग अधिनियम और आईटी अधिनियम और धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।


 
 

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