सोहराबुद्दीन ‘फर्ज़ी’ मुठभेड़ मामले में CBI ने सभी 22 आरोपियों को किया रिहा  

Team Suno Neta Friday 21st of December 2018 05:13 PM
(0) (0)

सोहराबुद्दीन शेख 

नई दिल्ली: गुजरात के सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस में मुंबई की विशेष CBI अदालत ने 22 आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने शुक्रवार को दिए फैसले में कहा कि षड्यंत्र और हत्या साबित करने के लिए गवाहों के बयान और सबूत संतोषजनक नहीं हैं। परिस्थिति से जुड़े साक्ष्य भी किसी को दोषी करार दिए जाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। विशेष CBI न्यायधीश एस जे शर्मा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मैं असहाय हूं। सरकारी मशीनरी और प्रॉसिक्यूशन ने बहुत प्रयास किए। 210 गवाह लाए गए। लेकिन संतोषजनक सबूत सामने नहीं आ सके। गवाह भी बयानों से पलट गए।

CBI ने इस एनकाउंटर को राजनीतिक और वित्तीय फायदों के लिए रची गई साजिश बताया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह केस गुजरात से मुंबई के स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था। इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे। इनमें गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री और मौजूदा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत 16 आरोपी पहले ही बरी किए जा चुके हैं। गुजरात पुलिस ने सोहराबुद्दीन को आतंकी बताया था। गुजरात पुलिस ने अपनी जांच में दावा किया था सोहराबुद्दीन आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ था और उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रच रहा था।

CBI का दावा था कि सोहराबुद्दीन को अगवा कर उसकी हत्या की गई। CBI की जांच में सामने आया कि 22 नवंबर 2005 को सोहराबुद्दीन, उसकी पत्नी कौसर बाई और उसके सहयोगी तुलसीराम प्रजापति को गुजरात पुलिस ने एक बस से अगवा किया था। उस दौरान सोहराबुद्दीन बाकी लोगों के साथ हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहा था। CBI ने बताया कि इसके चार दिन बाद सोहराबुद्दीन को अहमदाबाद के पास मार दिया गया था। सोहराबुद्दीन की पत्नी कौसर बाई को 29 नवंबर को बनासकांठा जिले के एक गांव में ले जाया गया। वहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया, फिर उसे जान से मार दिया गया। इसके बाद 27 दिसंबर 2006 को गुजरात और राजस्थान पुलिस ने गुजरात-राजस्थान सीमा के पास गोली मारकर तुलसीराम की हत्या कर दी।4 नवंबर 2018 को सुनवाई के दौरान एक चश्मदीद ने कोर्ट के सामने बयान दिया था कि शेख ने गुजरात के गृह मंत्री हरेन पांड्या की हत्या की थी। चश्मदीद ने कहा कि 2003 में पांड्या की हत्या के लिए गुजरात के पूर्व आईपीएस डी जी वंजारा ने सोहराबुद्दीन को ऑर्डर दिए थे।

मामला 23 नवंबर, 2005 का  है, जब शेख, एक वांछित अपराधी, उसकी पत्नी कौसर बाई और सहयोगी प्रजापति का कथित तौर पर हैदराबाद से महाराष्ट्र में सांगली जा रहे एक लक्जरी बस से अपहरण कर लिया गया था। जबकि शेख और कौसर बाई को गुजरात ले जाया गया था। प्रजापति को 26 नवंबर, 2005 को राजस्थान के भीलवाड़ा से गिरफ्तार किया गया था।

CBI ने 2010 में मामले को संभाला था और इसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर निष्पक्ष परीक्षण के लिए मुंबई में स्थानांतरित कर दिया गया था। तब तक 38 आरोपियों के नाम दर्ज़ किए थे, जिनमें IPS अधिकारियों, गुजरात और राजस्थान के मंत्रियों सहित वर्तमान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के नाम शामिल थे। हालांकि, सभी IPS  अधिकारियों और मंत्रियों समेत 38 में से 16 को 2014 और 2017 के बीच बरी कर दिया गया था।


 

रिलेटेड

 
 

अपना कमेंट यहाँ डाले