200 से ज्यादा लेखकों ने नफरत की राजनीति के खिलाफ वोट करने की अपील 

Shruti Dixit  Tuesday 2nd of April 2019 02:49 PM
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नफरत की राजनीति के खिलाफ वोट करने की अपील।

नई दिल्ली लोकसभा चुनाव 2019 से पहले देश के 200 से ज्यादा लेखकों ने लोगों से नफरत की राजनीति के खिलाफ मतदान करने की अपील की है। इस अपील में लेखकों ने लोगों से भारत की विविधता और समानता के लिए मतदान करने को कहा है। लेखकों ने कहा है कि इससे भारतीय संविधान के मूलभूत मूल्यों को बचाने में मदद मिलेगी।

200 से अधिक लेखकों ने अपनी अपील में कहा है कि आगामी चुनाव में हमारा देश दोराहे पर खड़ा है। हमारा संविधान अपने सभी नागरिकों को खाने-पीने, प्रार्थना करने और जीने की आजादी के साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और असहमति के समान अधिकारों की गारंटी देता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में हमने देखा कि धर्म, जाति, लिंग या क्षेत्र के आधार पर देश के कुछ नागरिकों को मारा गया, उन पर हमला किया गया और उनके साथ भेदभाव किया गया। नफरत की राजनीति का इस्तेमाल देश को बांटने और भय पैदा कर अधिक से अधिक लोगों को पूर्ण नागरिकों के अधिकार से वंचित करने के लिए किया गया।

इन लेखकों में गिरिश कर्नाड, अरुंधती रॉय, अमिताव घोष, बाम, नयनतारा सहगल, टीएम कृष्णा, विवेक शानभाग, जीत थायिल, के सच्चिदानंदन और रोमिला थापर शामिल हैं। लेखकों ने अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, गुजराती, उर्दू, बंगला, मलयालम, तमिल, कन्नड़ और तेलगू भाषाओं में यह अपील की।

अपील पर हस्ताक्षर करने वाले 210 लेखकों ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में देश चौराहे पर खड़ा है। हमारा संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार, अपने हिसाब से भोजन करने की स्वतंत्रता, प्रार्थना करने की स्वतंत्रता, जीवन जीने की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और असहमति जताने की आजादी देता है लेकिन बीते कुछ वर्षों में हमने देखा है कि नागरिकों को अपने समुदाय, जाति, लिंग या जिस क्षेत्र से वे आते हैं, उस वजह से उनके साथ मारपीट या भेदभाव किया जाता है या उनकी हत्या कर दी जाती है।

उन्होंने कहा कि भारत को विभाजित करने के लिए नफरत की राजनीति का उपयोग किया गया है। लेखकों ने यह अपील हिन्दी के अलावा अंग्रेजी, पंजाबी, मराठी, गुजराती, बांग्ला,मलयालम, कन्नड़, तेलुगू, तमिल, उर्दू, कश्मीरी और कोंकणी भाषा में भी जारी की है। इस अपील पर गिरीश कर्नाड, अरुंधति राय, अमिताव राय, बामा, नयनतारा सहगल, टी एम कृष्णा, विवेक शानबाग, रोमिला थापर, प्रदन्या दया पवार, शशि देशपांडे, दामोदर मौजो, विवान सुंदरम, अनवर अली, असद जैदी, रहमान अब्बास और शरणकुमार लिम्बाले सहित कई लेखकों के हस्ताक्षर हैं।

इससे पहले कई फिल्मकारों ने भी लोगों से अपील की थी कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को वोट न दें। हाल ही में कई फिल्मकारों ने ‘लोकतंत्र बचाओ मंच’ के तहत एकजुट होकर लोगों से बीजेपी को वोट न देने की अपील की थी।


 
 

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