डायरेक्टर, संयुक्त सचिव स्तर वाले बड़े प्रशासनिक पदों पर बाहर से नियुक्ति करेगी नरेंद्र मोदी सरकार 

Amit Raj  Wednesday 12th of June 2019 10:26 AM
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नरेंद्र मोदी 

नई दिल्ली: केन्द्र की NDA सरकार प्रशासन के जॉइंट सेक्रेटरी, लोअर डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर स्तर जैसे पदों पर बड़ी संख्या में बाहरी विशेषज्ञों की तैनाती पर विचार कर रही है। सरकार यह कदम प्रशासनिक कामों में विशेषज्ञता और बेहतरी लाने के उद्देश्य से उठा रही है।

सूत्रों के हवाले से बताया है कि बीती 3 जून को डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग के सचिव ने अपने विभाग की एक बैठक ली थी। इस बैठक में सचिव ने एक प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत प्राइवेट सेक्टर के अनुमानित 400 विशेषज्ञों को सेंट्रल स्टाफिंग स्कीम के तहत डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर की पोस्ट पर भर्ती करने के प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है।

सरकार में CSS के तहत डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर स्तर के कुल 650 पद हैं। ऐसे में 400 पदों पर प्राइवेट सेक्टर के विशेषज्ञों की भर्ती का मतलब है कि प्रशासन के इन अहम पदों के 60 प्रतिशत पर निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों का कब्जा होगा। गौरतलब है कि अब तक जॉइंट सेक्रेटरी और डायरेक्टर जैसे पद भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के माध्यम से भरे जाते रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर के 650 पद केन्द्रीय सचिवालय सर्विस में प्रमोशन द्वारा भरे जाने हैं। सरकार इन पदों पर निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की भर्ती नहीं कर सकती, क्योंकि इसके लिए सरकार को केन्द्रीय सचिवालय सर्विस रूल्स, 2009 में फेरबदल करने की जरुरत पड़ेगी।
डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DOPT) के अधिकारी फिलहाल निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की भर्ती के लिए भर्ती प्रक्रिया और योग्यता मापने की प्रक्रिया को अंतिम रुप देने में जुटे हैं।

सरकार के ‘थिंक टैंक नीति’ आयोग में 516 पदों में से 54 पदों पर निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की भर्ती लिए जाने पर विमर्श  किया जा रहा है। वर्तमान समय में जॉइंट सेक्रेटरी जैसे अहम पद पर, जिसे आमतौर पर प्रशासन की अहम कड़ी माना जाता है, भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के माध्यम से ही लोग चुने जाते हैं। इसके साथ ही सरकार ने केन्द्रीय मंत्रियों के निजी सचिव और ओएसडी जैसे पदों पर सेवा की अवधि 5 साल तक के लिए सीमित कर दी है। इसका मतलब है कि 5 साल के बाद केन्द्रीय मंत्रियों के निजी सचिव और ओएसडी बदल दिए जाएंगे। 

ज्ञात हो कि पिछले अप्रैल में, देश में पहली बार निजी क्षेत्रों के 9 एक्सपर्ट्स को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में संयुक्त सचिव के पदों पर तैनाती के लिए चुना गया था। आमतौर पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा, वन सेवा परीक्षा या अन्य केंद्रीय सेवाओं की परीक्षा में चयनित अधिकारियों को करियर में लंबा अनुभव हासिल करने के बाद संयुक्त सचिवों के पद पर तैनात किया जाता है। कार्मिक मंत्रालय ने ‘सीधी भर्ती’ व्यवस्था के जरिए संयुक्त सचिव रैंक के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। इन पदों के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 जुलाई 2018 थी। इससे संबंधित सरकारी विज्ञापन सामने आने के बाद कुल 6,077 लोगों ने आवेदन किए थे।

प्रशासनिक सुधारों का एक प्रमुख पहलू नौकरशाही में रणनीतिक सोच को बढ़ावा देने के लिए वरिष्ठ स्तर पर  विशेषज्ञों को शामिल करना है। वर्तमान में, संयुक्त सचिव - जो प्रशासन की रीढ़ हैं, मुख्य रूप से भारतीय प्रशासनिक सेवा कैडर के अधिकारियों में से नियुक्त होते हैं।


 
 

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