मैनपुरी: 24 साल बाद एक साथ नज़र आए मुलायम-मायावती, एक-दूसरे की जमकर तारीफ की
नई दिल्ली दो दशक की नाराज़गी, आखिर बदल गई सम्मान में। कभी एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाने वाले एसपी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बीएसपी चीफ मायावती जब मैनपुरी के मंच पर एकसाथ आए तो यह एक ऐतिहासिक लम्हा था। 24 साल बाद एकसाथ दिखी इस तस्वीर के बाद लखनऊ गेस्टहाउस कांड की यादें धुंधली या यों कहें कि पूरी तरह धुल गई। मायावती ने गेस्टाउस कांड का जिक्र तो किया लेकिन यह भी कहा कि बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए पुरानी बातें भूलनी होती हैं। मुलायम भी संसद में महिलाओं के लिए किए गए काम गिनाते नजर आए। माया के सामने एसपी संरक्षक के इस बयान को गेस्टहाउस कांड से उनके आगे बढ़ जाने का संकेत माना जा रहा है।
नज़ारा कुछ यूं था। मंच पर मुलायम बैठे थे, माया ने भाषण शुरू किया तो 24 साल पुरानी उस घटना का जिक्र किया, जो एसपी-बीएसपी के रिश्तों में दरार की वजह बनी। मायावती ने गठबंधन करने के फैसले पर सफाई देते हुए कहा कि जनता और मीडिया जानना चाहेगी कि बीएसपी की प्रमुख के साथ मुलायम सिंह यादव की सरकार के चलते हुए, खासकर 2 जून 1995 को हुए गेस्ट हाउस कांड के बावजूद यूपी में बीएसपी-एसपी गठबंधन आम चुनाव क्यों साथ लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश-जन हित में और पार्टी के मूवमेंट के हित में कभी-कभी हमें ऐसे कठिन फैसले लेने पड़ते हैं जिसको आगे रखकर ही हमने देश के वर्तमान हालात के चलते हुए यूपी में एसपी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
जब मुलायम सिंह यादव मंच पर पहुंचे तो मायावती ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने बुजुर्ग पिता को सहारा देते दिखे। योजना मुलायम को बीच की कुर्सी में बिठाने की थी लेकिन मुलायम जिद कर किनारे की कुर्सी में बैठ गए। मुलायम की जगह बदली तो मायावती खुद बीच वाली कुर्सी में बैठ गईं। कुर्सी की अदला-बदली से पहले मायावती, मुलायम सिंह यादव ने हाथ हिलाकर जनता का अभिवादन किया। मंच पर मुलायम सिंह यादव, मायावती, अखिलेश यादव के साथ बीएसपी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा, मायावती के भतीजे आकाश आनंद भी नजर आए। कुर्सी संभालने के बाद मायावती-अखिलेश यादव मुस्कुराकर बातचीत करते हुए दिखे।
वहीं मायावती ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि हम थोड़ी सी आर्थिक मदद नहीं देंगे, हम आप लोगों को सरकारी मदद देंगे। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए वहां आए लोगों से पूछा कि क्या किसी को 15-15 लाख मिले? आखिर में मायावती ने कहा कि आप लोग साइकिल के निशान को भूलें नहीं, मुलायम सिंह यादव को भारी मतों से जिताएं।
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