जगमोहन रेड्डी नरेंद्र मोदी से मिले, NDA में शामिल होने के आसार
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद देश में सियासी उथल-पुथल के बीच आंध्र प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान जगन ने मोदी को और पूरी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) को जीत की बधाई दी। इसके साथ ही जगन ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की भी सिफारिश की।
Had an excellent meeting with Andhra Pradesh’s CM designate @ysjagan. We had a fruitful interaction on several issues pertaining to AP’s development. Assured him all possible support from the Centre during his term. pic.twitter.com/u7bwPGI4t6
— Narendra Modi (@narendramodi) May 26, 2019
केंद्र सरकार से जगन अपने राज्य के लिए फंड जारी करने की भी मांग की। इसके बाद जगन, भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मिलने पहुंचें। इसके बाद वे उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी मुलाकात की।
कयास लगाए जा रहे हैं कि जगन की पार्टी युवजन श्रमिक रायतू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) NDA का हिस्सा भी बन सकते हैं।
गौरतलब है कि जगनमोहन रेड्डी की YSRCP को विधानसभा की 175 में से 151 सीटों पर जीत मिली और उन्होंने चंद्रबाबू नायडू की पार्टी को करारी शिकस्त दी है। नायडू की तेलुगु देसम पार्टी (TDP) को विधानसभा में सिर्फ 23 सीटें मिली हैं। YSRCP ने लोकसभा चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन किया और 25 में से 22 सीट जीते, जबकि TDP को सिर्फ 3 सीटें मिली हैं। अगर रेड्डी NDA के समर्थन करते हैं तो NDA संसद में और भी मजबूत स्थिति में दिखाई देगी।
जगन 30 मई को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री को भी इस अवसर पर उपस्थित होने का न्योता दिया है।
अपनी पार्टी के निर्वाचित विधायकों को संबोधित करते हुए रेड्डी ने शनिवार को विपक्षी पार्टी के नेता पर भी खूब निशाना साधा। उन्होंने कहा है कि आंध्र प्रदेश के चुनाव नतीजों ने ये दिखा दिया है कि जो लोग “अनैतिक और अन्यायपूर्ण” साधनों का सहारा लेते हैं, उन्हें मतदाता निश्चित रूप से भगवान दंडित करते हैं।
2009 में 15-वीं लोकसभा से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले जगनमोहन का परिवार लंबे समय से राजनीति से जुड़ा रहा है। 29 नवंबर 2010 को उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देते हुए उन्होंने घोषणा की थी कि वह 45 दिनों में अपनी नई राजनीतिक पार्टी का गठन करेंगे। उन्होंने घोषणा की कि उनकी पार्टी का नाम वाईएसआर कांग्रेस होगा। वाईएसआर का मतलब वाईएस राजशेखर रेड्डी से नहीं था। इसका मतलब “युवजन श्रमिक रायतू” (युवक, श्रमिक और किसान) है।
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