केरल ललित कला अकादमी पुरस्कार प्राप्त कार्टून पर ईसाई धर्म को आहत करने का आरोप
नई दिल्ली: केरल ललित कला अकादमी पुरस्कार प्राप्त करने वाले एक कार्टून ने मंगलवार को राज्य में एक राजनीतिक रोष पैदा कर दिया। केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (KCBC) ने बुधवार को अकादमी के फैसले के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन शुरू किया। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि कार्टून ईसाई धार्मिक प्रतीकों का अपमान करता है।
दरअसल कार्टून बलात्कार के अभियुक्त बिशप फ़्रैंको मुलक्कल के ऊपर व्यंग्य है। मुलक्कल पर एक नन के साथ बलात्कार करने के आरोप के बाद उन्हें गिरफ़्तार किया गया था और उन्हें पद से हटा भी दिया गया था।
कार्टून बनाने वाले के के सुभाष का कहना है कि वो इन विवादों में पड़ना ही नहीं चाहते क्योंकि ये एक राजनीतिक व्यंग्य था और उनका मक़सद किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था।
विरोध प्रदर्शन के घंटों बाद, सीपीएम के नेतृत्व वाली लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) सरकार, जोकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर सबरीमाला मंदिर में युवतियों को प्रवेश करने की अनुमति देने के अपने फैसले पर हिंदुओं के वर्गों के खिलाफ प्रतिबंध का सामना कर रही है, ने केसीबीसी के गुस्से को दूर करने की मांग की। सीपीएम के वरिष्ठ नेता और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री ए के बालन ने कहा कि सरकार धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं करना चाहती है और इसने अकादमी को अपने फैसले की समीक्षा करने के लिए कहा है।
वैसे तो ये कार्टून पिछले साल ही एक मलयाली पत्रिका में प्रकाशित हुआ था लेकिन अकादमी पुरस्कार मिलने के बाद ये अचानक चर्चा में आ गए।
In Kerala, Lalitha Kala Akademi to review its decision after bishop cartoon row
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