सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय से पूछा ‘क्या आप असम NRC प्रक्रिया को ख़त्म करने की कोशिश कर रहे हैं?’
नई दिल्ली: असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) को निलंबित करने की मांग के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि NRC प्रक्रिया को नष्ट करने के लिए मंत्रालय अलग-अलग कहानियों के साथ आता है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव ड्यूटी में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की भूमिका को ध्यान में रखते हुए दो सप्ताह के लिए NRC के काम को रोकने की मांग के लिए गृह मंत्रालय को फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है कि NRC के काम को पूरा करने के लिए 31 जुलाई की समय सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी।
केंद्र ने अपनी दलील में असम NRC में शामिल संयुक्त सशस्त्र पुलिस बलों की 167 कंपनियों को लोकसभा चुनाव के लिए वापस लेने की मांग की। भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने गृह मंत्रालय को फटकार लगाई और कहा कि शुरू से ही मंत्रालय NRC प्रक्रिया को नष्ट करने के प्रयास कर रहा है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “अगर आप चाहते कि NRC प्रक्रिया आगे बढ़े, तो इसे पूरा करने के कई तरीके थे। क्या यह पूछने के लिए काफी है कि लोकसभा चुनाव और NRC का काम शांतिपूर्वक और साथ-साथ चलना चाहिए?”
केंद्र ने हालांकि कहा कि यह आम चुनाव अत्यधिक व्यस्त माहौल में होने वाला है। इस समय NRC का काम करना मुश्किल होगा क्योकि यह राष्ट्र की सुरक्षा है।
CJI ने हालांकि पूछा, “आपके पास 3,000 सशस्त्र पुलिस बल की कंपनियां हैं। आपको लोकसभा चुनावों के लिए 2,700 की आवश्यकता है। असम NRC कार्य के लिए 167 कंपनियों की आवश्यकता है, तो समस्या क्या है?”
केंद्र ने हालांकि कहा कि उसे सीमाओं की भी रक्षा करने के लिए सशस्त्र पुलिस बलों की आवश्यकता होती है।
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