SC जस्टिस पटनायक 'बेंच फिक्सिंग' की साजिश के आरोपों की जांच करेंगे, आईबी और सीबीआई चीफ करेंगे सहयोग 

Shruti Dixit  Thursday 25th of April 2019 09:18 PM
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सीजेआई रंजन गोगोई

नई दिल्ली चीफ जस्टिस (सीजेआई) रंजन गोगोई पर यौन शोषण के मामले की जांच करने वाले पैनल से जस्टिस एनवी रमना ने खुद को अलग कर लिया है। गुरुवार को इस केस से जुड़े ‘बेंच फिक्सिंग’ मामले में स्पेशल बेंच ने एक अहम निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि इसकी जांच रिटायर्ड जस्टिस एके पटनायक की अगुआई में की जाएगी। कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर और आईबी चीफ को जस्टिस पटनायक का सहयोग करने का भी निर्देश दिया है। स्पेशल बेंच वकील उत्सव बैंस के दावे की सुनवाई कर रही है। बैंस का कहना है कि सीजेआई के खिलाफ साजिश के तहत आरोप लगाए गए हैं। इसमें एक बड़ा कॉरपोरेट हाउस शामिल है।

जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता में केस की सुनवाई कर रही तीन जजों की स्पेशल बेंच के सामने बैंस ने गुरुवार को दूसरा हलफनामा पेश किया। इसे देखने के बाद अदालत ने सख्त लहजे में कहा कि हम हमेशा सुनते हैं कि कोर्ट में ‘बेंच फिक्सिंग’ हो रही है। यह हर हाल में बंद होनी चाहिए। पिछले 3-4 साल से जिस तरह से आरोप लगाए जा रहे हैं उससे तो यह संस्था खत्म हो जाएगी। अमीर और शक्तिशाली लोग सोचते हैं कि वे रिमोट कंट्रोल से कोर्ट चलाएंगे। वे आग से खेल रहे हैं। हम फिक्सिंग की साजिश रचने वालों को जेल भेजेंगे। सुप्रीम कोर्ट के 4-5% वकील महान संस्था का नाम खराब कर रहे हैं। ‘बेंच फिक्सिंग’ का मामला गंभीर है और इसकी जांच होगी।

बता दें कि वकील बैंस ने अपने हलफनामे में दावा किया था कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। वकील ने दावा किया है कि उनके पास इस बात के सबूत भी हैं। बता दें कि वकील बैंस के हलफनामे में लगे आरोपों की जांच को लेकर आज दो बजे कोर्ट आदेश पारित करेगा।

काफी गुस्से में नजर आ रहे जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा, 'लोग नहीं जानते कि आग से खेल रहे हैं। अब समय आ गया है अब हम चुप नहीं बैठेंगे।' जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा अमीर और रसूखदार लोग देश और कोर्ट को मनी पावर से चलाना चाहते हैं। कई चीजें गलत हो रही हैं। जब भी बड़े लोगों से संबंधित केस आते है और सुनवाई होने को होती है लेटर लिखे जाते हैं पावरफुल लोग समझते हैं कि वो कोर्ट चला सकते हैं।'

जस्टिस अरुण मिश्रा ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को संबोधित करते हुए गुस्से में कहा, 'पिछले 3-4 सालों से सुप्रीम कोर्ट में जो चल रहा है, जिस तरह से आरोप लगाए जा रहे हैं ऐसे में यह संस्था खत्म हो जाएगी। हम हमेशा सुनते है कि बेंच फिक्सिंग हो रही है, यह हर हाल में बंद होना चाहिए। जज के रूप में हम बहुत चिंतित हैं।' जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा, 'पैसे वाले और प्रभावशाली लोग सोचते है कि वे सुप्रीम कोर्ट को चला रहे हैं। ये अदालत पैसै और पॉलिटिकल पावर से नही चलाई जा सकती। हम सभी लोगों को साफ कर देना चाहते है कि न्यायिक प्रक्रिया में दखल नहीं दे सकते।'


 
 

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