AAP-कांग्रेस में बात बनी, भाजपा के खिलाफ दिल्ली में साथ लड़ेंगे लोकसभा चुनाव 

Shruti Dixit  Saturday 6th of April 2019 05:13 PM
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आप और कांग्रेस साथ आए, लड़ेंगे BJP के खिलाफ

नई दिल्ली लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच गठबंधन और सीटों का बंटवारा तय होने के बाद कांग्रेस अब अपने उम्मीदवारों के चयन पर आगे बढ़ रही है। दरअसल लोकसभा चुनाव के लिए आखिरकार कांग्रेस, आम आदमी पार्टी की 'गुज़ारिश' को मान गई है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में गठबंधन तय है। हरियाणा और पंजाब में सीटों की मांग AAP की भाजपा के खिलाफ रणनीति का हिस्सा भर है। AAP जहां तक संभव हो सके, भाजपा को गफलत में ही रखना चाहती है, ताकि उसके प्रत्याशियों की घोषणा में और विलंब होता रहे।

खबरें ये भी हैं कि AAP ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के लिए शर्त रखते हुए कहा है कि पार्टी कांग्रेस के साथ तभी चुनावी गठबंधन करेगी जब हरियाणा और चंडीगढ़ में भी दोनों दल मिल कर चुनाव लड़ें। आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के फैसले पर कांग्रेस नेतृत्व द्वारा शनिवार को निर्णायक स्थिति में पहुंचने की सुगबुगाहट के साथ ही दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी ने यह शर्त रख दी है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि AAP की तरफ से कांग्रेस नेतृत्व को दो शर्तें रखी गई हैं। इसमें पहली शर्त यह है कि दिल्ली के साथ हरियाणा और चंडीगढ़ में भी कांग्रेस गठबंधन करे और दूसरा, कांग्रेस को AAP के दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग का समर्थन करना चाहिए।

जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस अब अपनी 3 सीटों के उम्मीदवार तय करने में लग गई है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के हिस्से में नई दिल्ली, चांदनी चौक और उत्तर-पश्चिमी सीट आई है। नई दिल्ली से अजय माकन को मज़बूत उम्मीदवार माना जा रहा है और उन्हें टिकट मिलना भी तय है। अजय माकन ने अपने क्षेत्र में प्रचार भी काफी पहले से शुरू कर दिया था। वहीं, चांदनी चौक से राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल के अलावा पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल के नाम पर भी गंभीरता से विचार चल रहा है। 

बता दें, गठबंधन की शुरुआती पहल के दौर में आप ने दिल्ली के अलावा पंजाब और हरियाणा में भी गठबंधन करने की कांग्रेस के समक्ष पेशकश की थी, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहले ही कांग्रेस नेतृत्व को राज्य में पार्टी के मजबूत होने का हवाला देते हुये आप के साथ गठबंधन की जरूरत को सिरे से खारिज कर दिया था। इसके बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने भी पार्टी नेतृत्व को गठबंधन नहीं करने का सुझाव दे रखा है।


 
 

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