सोनिया गांधी ने कहा ‘मोदी सरकार अलोकतांत्रिक, PMO में केंद्रित सारी शक्ति’
सोनिया गांधी
कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को 22 विपक्षी दलों के नेताओं और प्रतिनिधियों की एक बैठक को एक वीडियोकांफ्रेंस के जरिए संबोधित किया, जिसमें उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा।
बैठक का एजेंडा करोनावायरस (Covid-19) महामारी से देश में उत्पन्न स्थिति पर चर्चा करना था।
बैठक को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा, “सरकार ने लोकतांत्रिक होने का ढोंग करना भी छोड़ दिया है और सारी शक्ति अब केवल एक कार्यालय - पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) में केंद्रित है।”
देश में Covid-19 स्थिति को केंद्र जिस तरह से संभाल रहा है उस पर गांधी ने कहा कि इस बात पर कोई संकेत नहीं है कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए संसद का सत्र या अपनी स्थायी समितियों को बुलाएगी या नहीं। उन्होंने कहा, “संघवाद (फेडरलिस्म) की भावना, जो हमारे संविधान का एक अभिन्न अंग है, सब भुला दिया गया है।”
बैठक के बाद विपक्ष ने एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें कहा गया था कि केंद्र “समयबद्ध, प्रभावी और संवेदनशील तरीके से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में विफल रहा है”। यह भी कहा कि केंद्र ने “भव्य घोषणाएं कीं लेकिन वे लोगों के कष्टों को कम करने के लिए सार्थक साबित नहीं हुए हैं।”
Statement of like-minded political parties. pic.twitter.com/uCpUxGfUo9
— Congress (@INCIndia) May 22, 2020
बैठक में शामिल होने वालों में थे: ममता बनर्जी (TMC), उद्धव ठाकरे (शिवसेना), हेमंत सोरेन (JMM), शरद पवार (NCP), एमके स्टालिन (DMK), एच डी देवगौड़ा (JD(S)), सीताराम येचुरी (CPM), डी राजा (CPI), शरद यादव (LJD), उमर अब्दुल्ला (NC), तेजस्वी यादव (RJD), जीतन राम मांझी (HAM), उपेंद्र कुशवाहा (RLSP), जोस के मणि (KC-M), बदरुद्दीन अजमल (AIUDF), जयंत चौधरी (RLD) और राजू शेट्टी (स्वाभिमानी पक्ष)।
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