चीन की और संकेत करते हुए सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवाने ने कहा नेपाल किसी और के इशारे पर भारत के सड़क निर्माण का विरोध कर रहा है 

Team Suno Neta Friday 15th of May 2020 11:16 PM
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जनरल मनोज मुकुंद नरवने 

थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने कहा कि उत्तराखंड में भारत और नेपाल के बीच सीमा के पास एक सड़क निर्माण को लेकर नई दिल्ली के खिलाफ काठमांडू का हालिया विरोध प्रदर्शन नकली लग रहे हैं जो शायद “दूसरे देश” के इशारे पर किया गया है। सेनाध्यक्ष का बयान चीन के तरफ एक स्पष्ट संकेत है।

शुक्रवार को एक रक्षा विश्लेषण से सम्बंधित संस्थान में पत्रकारों के साथ एक ऑनलाइन बातचीत में जनरल नरवने ने कहा, “मुझे नहीं पता कि वे (नेपाल) वास्तव में किस लिए विरोध कर रहे हैं। यह मानने का एक कारण है कि उन्होंने किसी और के इशारे पर इस समस्या को उठाया होगा – और यह बहुत संभावना है।”

पिछले हफ्ते रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के धारचूला से तिब्बत में लिपुलेख दर्रे तक नई 80 किलोमीटर सड़क का उद्घाटन किया। जिस क्षेत्र से सड़क गुजरती है वह भारत-नेपाल-तिब्बत त्रिभुज के पास है। चीन के तिब्बत में कैलाश-मानसरोवर की यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की मदद के लिए सड़क बनायीं गई है क्योंकि यह लिपुलेख दर्रे से मात्र लगभग 90 किलोमीटर दूर है।

लिपुलेख दर्रा कालापानी के निकट सुदूर-पश्चिमी बिंदु पर है, जो भारत और नेपाल के बीच एक विवादित क्षेत्र है। सड़क के उद्घाटन के बाद, नेपाल ने काठमांडू में भारत के राजदूत को बुलाया और एक कड़ा विरोध दर्ज कराया।

यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि भारतीय और चीनी सैनिक हाल के दिनों में लद्दाख और सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास हाथापाई में शामिल थे।


 
 

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