अरुण जेटली ने कहा ‘हिंसा और नारे गरीबी और महत्वाकांक्षा को कम नही कर सकते है’
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को विपक्ष पर हमला करते हुए कहा “हिंसा और नारे न तो गरीबी को कम कर सकते है और ना ही लोगों की महत्वाकांक्षा को पूरा करने में मदद कर सकते है। जेटली ने कहा कि नारेबाजी थोड़े समय के लिए ही चलती है। लोगों को जल्द ही एहसास हो जाएगा कि इन्हें हम लागू नहीं कर सकते।’’
नीती आयोग द्वारा “न्यू इंडिया @ 75 के लिए रणनीति (Strategy for New India @ 75)” की रिलीज पर उन्होंने ये बात कही। जेटली ने कहा कि लोकतंत्र में ये बहस हमेशा से रही है। जिन लोगों मे महत्वाकांक्षा ज्यादा होती है और बहुत कम स्तर का धैर्य है। वही नारे को वास्तविकता में बदलने की कोशिश करते है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी और अन्य विपक्षी दल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को किसान ऋण छोड़ने के लिए मजबूर करेंगे।
जेटली ने कहा "हमने धीरे-धीरे भारतीय मॉडल को पूर्ण किया है जो तेजी से बढ़ा जा रहा हैं। लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए राज्य के संसाधन का उपयोग किया जा रहा है। जिससे उनके जीवन को बेहतर गुणवत्ता मिल सके। हमने कई अवसरों को गंवा दिया है।
नीती आयोग के रणनीति दस्तावेज के बारे में जेटली ने कहा यह सरकार के लिए उपयोगी होगा। दस्तावेज का उद्देश्य केवल सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में 8 प्रतिशत की वृद्धि करना और 2030 तक देश को 5 ट्रिलियन अमरीकी डालर की ओर बढ़ाना है।
रणनीति दस्तावेज का अत्यधिक ध्यान देना नीतिगत माहौल में और सुधार करना है। जिससे निजी निवेशक और अन्य हितधारक न्यू इंडिया 2022 के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपनी पूरी तरह से योगदान दे सकते है।
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