एम वेंकैया नायडु ने कहा ‘नेता को प्रतिद्वंद्वी होना चाहिए दुश्मन नहीं’
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि राजनेताओं को याद रखना चाहिए कि “वे प्रतिद्वंद्वी हैं दुश्मन नहीं’’ ,यह भावना लोगों का संसदीय प्रणाली में आत्मविश्वास और विश्वास बढ़ाता है।
मराठी समाचार पत्र लोकमत द्वारा आयोजित सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सांसदों के पुरुस्कार समारोह में बोलते हुए नायडू ने कहा, “कभी कभी भारत के वरिष्ठ विधायकों के बीच कुछ चर्चाएं गर्म बहस और झगड़े में बदल जाती है। हमें अपनी राजनीति इस प्रकार करनी चाहिए कि जिससे देश के नागरिकों को लगे कि उनका और देश का भविष्य सुरक्षित हाथों में है ’’। सांसदों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा, “आपके द्वारा बोला गया हर शब्द,आपके द्वारा लिए गए हर निर्णय, आपको मिला हर वोट, लोगों के प्रति एक जिम्मेदारी का एहसास कराता है और उन लोगों की आप सब से बहुत अपेक्षाएं होती हैं।’’
उन्होंने आगे कहा, “इसलिए आपको आश्वस्त रहना चाहिए जिससे की लोगों का विश्वास संसदीय प्रणाली में बना रहे। राजनेताओं को “गंभीर विषय के मुद्दों पर राष्ट्रीय सर्वसम्मति’’ और राजनीतिक बहस की एक सीमा निश्चित करनी चाहिए’’।
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