उमर अब्दुल्ला ने कहा ‘अगर हम बहुमत के साथ आए तो जम्मू-कश्मीर से रद्द कर देंगे सार्वजनिक सुरक्षा कानून’
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि अगर बहुमत के साथ सत्ता में चुने जाते हैं तो उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर सार्वजनिक सुरक्षा कानून को रद्द कर देगी।
पुलवामा में एक पार्टी सम्मेलन को संबोधित करते हुए उमर ने कहा, “अधिनियम को निरस्त करने से लोगों और विशेष रूप से युवाओं में असुरक्षा और असंतुष्टि के उन्मूलन का एक लंबा रास्ता तय होगा। मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं कि अगर NC अपने दम पर मजबूत जनादेश के साथ सत्ता में आती है तो हम PSA अधिनियम को पूरी तरह से रद्द करने में कोई समय नहीं लगाएंगे।”
If voted to power, PSA revocation will be ensured, Mr. Omar Abdullah promises hundreds of people in his address at Pulwama today. JKNC is committed to bring J&K out of misery, despondency and darkness. The masses reflecting the faith that #OnlyHal is the answer to their problems. pic.twitter.com/DhPFhcWmGe
— JKNC (@JKNC_) January 31, 2019
सार्वजनिक सुरक्षा कानून (PSA) जो पहली बार 1978 में घोषित किया गया था। यह कानून सरकार को तीन से छह महीने की अवधि के लिए परीक्षण के बिना किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने की अनुमति देता है। हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी के सैकड़ों युवाओं को PSA के तहत विस्तारित हिरासत अवधि के साथ बुक किया गया है।
राज्य में महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली PDP-भाजपा गठबंधन सरकार को कथित कुशासन के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उमर ने कहा कि 2009-2014 तक सरकार में हमारे कार्यकाल के दौरान हमने सुलह और सुरक्षा बलों के फुट-प्रिंट को कम करने की दिशा में काम किया था। PSA को निरस्त करने के उमर के वादे के जवाब में PDP और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने NC और अब्दुल्ला परिवार दोनों की आलोचना की।
उमर के बयान पर PDP ने ट्वीट किया कि एक पार्टी जिसने असहमति की आवाज को दबाने के लिये PSA, POTA (आतंकवाद निरोधक अधिनियम), AFSPA जैसे विचारों और कृत्यों को स्वीकार किया। 1987 में चुनावों में धांधली की निर्वाचित लोगों को जेल में डाला और उन्हें आतंकवादी घोषित किया। वह अब PSA को रद्द करने के लिए बहुमत मांग रहे है।
A party that convinced the idea and acts like PSA, POTA, AFSPA to muzzle the dissent voices, rigged elections in 1987, booked elected people in jails and declared them militants are now asking for majority to revoke PSA. Illogical! @OmarAbdullah @JKNC_ https://t.co/qLAkfs1A9V
— J&K PDP (@jkpdp) January 31, 2019
Omar Abdullah says ‘if elected with majority, will revoke J&K Public Safety Act’
अपना कमेंट यहाँ डाले